शुरू में इन कैंटीनों को ‘नम्मा कैंटीन’ का नाम दिया गया लेकिन बाद में कांग्रेसी विधायकों के प्रदेश में अगले वर्ष होने वाले चुनावों से पूर्व इस लोकलुभावन घोषणा को नया नाम देने की मांग की जिसके बाद इसे ‘इंदिरा कैंटीन’ का नाम दिया गया. बेंगलुरु महानगर पालिका के 198 वार्ड में कैंटीन की स्थापना के लिये बजट में 100 करोड़ रुपये भी उपलब्ध कराये गये हैं.
कैंटीन के लिये प्रदेश सरकार को बधाई देते हुये राहुल गांधी ने कहा कि इसे इस तरह से तैयार किया गया है कि बेंगलुरु में एक भी शख्स भूखा न रहे. कांग्रेस उपाध्यक्ष ने भी कैंटीन में दोपहर का खाना खाया. उन्होंने कहा कि यह कामकाजी लोगों जैसे निर्माण कार्य में लगे मजदूरों और ऑटो रिक्शा चालकों को ध्यान में रखकर तैयार की गयी है.
उन्होंने कहा, ‘शहर में कई ऐसे लोग हैं जो बडे घरों में रहते हैं और उनके पास खाने-पीने को काफी कुछ है, वो बडी गाडि़यों में चलते हैं और खाना उनके लिये कोई बडा मुद्दा नहीं है… लेकिन बेंगलुरु में लाखों लोग ऐसे भी हैं जो दिहाड़ी मजदूर हैं, जिनकी छोटी दूकानें हैं, ऑटो या टैक्सी चलाते हैं, नाई और ऐसे दूसरे लोग हैं जिन्हें ज्यादा पैसा नहीं मिलता और ऐसे ही लोगों को लक्षित करके इंदिरा कैंटीन बनाया गया है.’
इस मौके पर मुख्यमंत्री सिद्धारमैया, कांग्रेस महासचिव और प्रदेश के प्रभारी के सी वेणुगोपाल और पार्टी की राज्य इकाई के प्रमुख जी परमेश्वर तथा बेंगलुरु के प्रभारी मंत्री के जे जॉर्ज भी उपस्थित थे.