शीत सत्र में पास नहीं हुआ, तो कागज का टुकड़ा रह जायेगा महिला आरक्षण विधेयक

नयी दिल्ली: महिला कांग्रेस की नवनियुक्त अध्यक्ष सुष्मिता देव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से महिला आरक्षण विधेयक को संसद के आगामी शीतकालीन सत्र में ही पारित कराने की मांग की है. असम से लोकसभा की सदस्य सुष्मिता देव का कहना है कि यदि 2019 के आम चुनावों में महिला आरक्षण विधेयक के प्रावधानों को अमल […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 30, 2017 3:26 PM
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नयी दिल्ली: महिला कांग्रेस की नवनियुक्त अध्यक्ष सुष्मिता देव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से महिला आरक्षण विधेयक को संसद के आगामी शीतकालीन सत्र में ही पारित कराने की मांग की है. असम से लोकसभा की सदस्य सुष्मिता देव का कहना है कि यदि 2019 के आम चुनावों में महिला आरक्षण विधेयक के प्रावधानों को अमल में लाना है, तो इस विधेयक को शीतकालीन सत्र में ही पारित करना होगा.

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कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने गत दिनों प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखकर लोकसभा में महिला आरक्षण विधेयक पारित करवाने के लिए कहा था. सुष्मिता ने कहा है कि सोनियाजी इस बात को लेकर बहुत स्पष्ट हैं कि इसे केवल पारित ही नहीं करवाना है, बल्कि 2019 में (आम चुनाव ) इसे लागू भी करवाना है.

सुष्मिता ने कहा, ‘विधेयक पास होने के बाद जिस तरह जीएसटी में10 अन्य काम करने पड़े थे, सर्वेक्षण सहित इसमें भी कई अन्य काम करने होंगे. नरेंद्र मोदी सरकार यदि शीतकालीन सत्र में इसे लाती है, तो ठीकहै, यदि वह चुनाव से पहले 2019 में इसे लाती है, तो उसका महत्व कागज के टुकड़े से अधिक नहीं होगा.’

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लोकसभा एवं राज्यों की विधानसभाओं में महिलाओं को एक तिहाई आरक्षण देने के प्रावधानवाले विधेयक को राज्यसभा में वर्ष 2010 में पारित किया जा चुका है. किंतु कुछ दलों के विरोध के बाद यह विधेयक लोकसभा से पारित नहीं हुआ.

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