सीबीआइ अधिकारी ने बताया कि आरोपी छात्र ने प्रद्युम्न को कोई जरूरी बात बताने का लालच देकर बाथरूम के अंदर बुलाया था और चंद सेकेंड के अंदर उसका गला रेत दिया. अधिकारी ने कहा कि किसी न किसी को तो उस दिन उसे मरना था जिसकी तैयारी के साथ वह आया था. आरोपी 8 सितंबर को यह बात दिमाग में बैठाकर आया था कि वह किसी न किसी पर इस चाकू का इस्तेमाल करेगा. प्रद्युम्न का यह दुर्भाग्य ही कहा जाएगा कि गलत समय पर गलत जगह पहुंच गया.
पूछताछ के क्रम में आरोपी छात्र ने सीबीआइ को बताया कि मुझे कुछ समझ नहीं आया. मैं पूरी तरह ब्लैंक हो चुका था और बस मैंने उसकी हत्या कर दी. सीबीआइ ने बताया कि अशोक को आरोपी बताते हुए हरियाणा पुलिस ने जिस चाकू को ‘हत्या के हथियार’ के तौर पर पेश किया था, आरोपी छात्र ने उसी का इस्तेमाल मासूम को मारने के लिये किया था. इस चाकू को हरियाणा पुलिस ने टॉइलट के कमोड से बरामद किया था. सीबीआइ के अनुसार, क्राइम स्पॉट का कई बार निरीक्षण, सीसीटीवी फुटेज की गहन जांच, कॉल रेकॉर्ड्स खंगालने और शिक्षक, छात्र सहित कई लोगों से पूछताछ के बाद वह आरोपी को दबोचने में कामयाब रही.
सूत्रों की मानें तो उस समय 11वीं क्लास के हाफ इयरली एग्जाम चल रहे थे. 6 सितंबर को आरोपी ने पहला एग्जाम दिया था और 8 सितंबर यानी हत्या वाले दिन उसे दूसरे एग्जाम में बैठना था. जांच के दौरान सीबीआइ को आरोपी स्टूडेंट का व्यवहार संदिग्ध नजर आया. खबरों के अनुसार सीबीआइ को पता चला कि आरोपी ने अपने क्लासमेट्स से डींगे हांकते हुए कहता था उन्हें पढ़ने की कोई आवश्यकता नहीं, क्योंकि वह एग्जाम को टलवा देगा. इसके बाद सीबीआइ ने इस एंगल से जांच को आगे बढ़ाया तो कड़ियां एक के बाद एक जुड़ती चली गयी.
सीबीआइ के अनुसार, प्रद्युम्न का गला रेतने के बाद आरोपी ने स्कूल के माली को बाथरूम में ‘घायल’ हुए बच्चे के संबंध में बताया. जैसे ही वहां स्कूल के शिक्षक और स्टाफ एकत्रित होने लगे , आरोपी चुपचाप जाकर अपनी क्लास में बैठ गया जहां एग्जाम शुरू हो चुका था. वह कुछ देर से एग्जाम देने पहुंचा था जिसके कुछ देर बाद वही हुआ जो आरोपी के दिमाग में चल रहा था. एग्जाम को रद्द कर दिया गया, स्कूल को खाली करवाने के बाद बंद कर दिया गया.