अमित शाह ने कहा-गुजरात चुनाव कांग्रेस की जातिवादी, वंशवादी शासन बनाम पीएम के विकासवादी एजेंडा की लड़ाई

भावनगर : भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने मंगलवार को कहा कि गुजरात विधानसभा चुनाव कांग्रेस के जातिवादी एवं वंशवादी शासन और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकासवादी एजेंडा के बीच की लड़ाई है. साथ ही, उन्होंने कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी पर तंज भी कसा. शाह ने राहुल पर तंज कसते हुए कहा कि उनकी गुजरात की […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 21, 2017 8:31 PM
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भावनगर : भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने मंगलवार को कहा कि गुजरात विधानसभा चुनाव कांग्रेस के जातिवादी एवं वंशवादी शासन और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकासवादी एजेंडा के बीच की लड़ाई है. साथ ही, उन्होंने कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी पर तंज भी कसा. शाह ने राहुल पर तंज कसते हुए कहा कि उनकी गुजरात की यात्राएं बढ़ गयी हैं, क्योंकि वह राज्य को एक पर्यटन स्थल समझते हैं. उन्होंने यहां एक रैली को संबोधित करते हुए कश्मीर के लिए स्वायत्तता और रोहिंग्या शरणार्थी मुद्दों पर कांग्रेस नेताओं के बयान को भी आड़े हाथ लेते हुए विपक्षी पार्टी और राहुल से अपना रुख स्पष्ट करने को कहा. उन्होंने कहा कि 2017 का गुजरात चुनाव महज दो पार्टियों के बीच की लड़ाई या मुख्यमंत्री बनने के लिए लड़ाई नहीं है, बल्कि यह इस बात का फैसला करेगा कि क्या जातिवाद और वंशवाद जीतेगा, या फिर नरेंद्र मोदी का विकासवाद.

गुजरात भाजपा प्रमुख जीतु वघानी के भावनगर (पश्चिम) सीट से अपना पर्चा भरने से कुछ ही देर पहले एक रैली को संबोधित करते हुए शाह ने यह बात कही. उन्होंने कहा कि गुजरात के लोगों को फैसला करना है. क्या वे कांग्रेस को चुनेंगे, जिसने 1985 और 1995 के बीच क्षत्रिय, हरिजन, आदिवासी और मुस्लिम (केएचएएम) सिद्धांत का इस्तेमाल कर जातिगत विभाजन पैदा किया, या 1995 से 2017 के बीच भाजपा सरकार द्वारा किये गये विकास और दी गयी स्थिरता को चुनेंगे. शाह ने आरोप लगाया कि इस बार कांग्रेस ने अपना प्रचार आउटसोर्स करने की कोशिश की और यह गुजरात चुनाव जीतने के लिए जातिवादी राजनीति कर रही है. उन्होंने पाटीदारों और अन्य समुदायों को अपने पाले में करने की पार्टी की कोशिशों की ओर इशारा करते हुए कहा. भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि यह गुजरात के लोगों को तय करना है कि वे जातिवादी, वंशवादी शासन, अल्पसंख्यक तुष्टिकरण (कांग्रेस के) को चुनते हैं, या फिर भाजपा की विकासवादी राजनीति और इसके द्वारा दी गयी स्थिरता को चुनते हैं. उन्होंने कहा कि मोदी ने जातिवाद, वंशवाद और अल्पसंख्यक तुष्टिकरण की राजनीति से भारत को निजात दिलाने की प्रक्रिया शुरू की है.

शाह ने कहा, राहुल गांधी को लगता है कि यह (गुजरात) एक पर्यटन स्थल है. वह यहां अक्सर ही आ रहे हैं. उन्हें यहां आना चाहिए और बताना चाहिए कि दिल्ली (केंद्र) में 10 साल शासन करनेवाली सोनिया-मनमोहन (संप्रग) सरकार ने गुजरात के लिए क्या किया. उन्होंने कहा कि संप्रग ने कुछ नहीं किया. नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री बनने के बाद गुजरात को बुलेट ट्रेन दिया, उन्होंने रो-रो माल ढुलाई सेवा शुरू की, उन्होंने सौराष्ट्र क्षेत्र के लिए अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा दिया और केंद्र के साथ गुजरात की सभी लंबित समस्याओं का हल किया. उन्होंने दावा किया कि कश्मीर में आतंकवादी संप्रग शासन के दौरान सैनिकों और लोगों की हत्या कर रहे थे. उन्होंने याद दिलाया कि मोदी शासन में थल सेना ने सर्जिकल स्ट्राइक किया.

भाजपा प्रमुख ने कहा, एक ओर जहां नरेंद्र मोदी सरकार हालात सामान्य करने की कोशिश कर रही है, वहीं दूसरी ओर चिदंबरम(कांग्रेस नेता) गुजरात आते हैं और कश्मीर के लिए स्वायत्तता की मांग करते हैं. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी को अपना रुख स्पष्ट करना चाहिए कि क्या वह चिदंबरम की इस मांग का समर्थन करते हैं. शाह ने रोहिंग्या मुसलमानों के मुद्दे पर कांग्रेस नेताओं पर निशाना साधते हुए कहा कि पी चिदंबरम और शशि थरूर ने प्रधानमंत्री को लिख कर कहा कि उन्हें भारत में प्रवेश की इजाजत दी जानी चाहिए. उन्होंने कहा, क्या भारत अपनी आंतरिक सुरक्षा से खिलवाड़ कर सकता है? क्या भारत अपनी सुरक्षा से समझौता कर सकता है? गुजरात के लोगों को कांग्रेस से रोहिंग्या मुसलमानों पर अपना रुख स्पष्ट करने के लिए कहना चाहिए.

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