श्री सिन्हा ने कहा, ‘GST वैश्विक तौर पर अप्रत्यक्ष कर की सबसे अच्छी प्रणाली है. इसमें कोई शक नहीं है. यही कारण है कि इसे ज्यादातर देशों ने अपनाया है. लेकिन, भारत में जिस तरीके से जीएसटी को लागू किया गया, वह इस बात का सटीक उदाहरण है कि कहीं भी कर सुधार को कैसे लागू नहीं किया जाना चाहिए.’
पूर्व वित्त मंत्री ने कहा, ‘यह हार्वर्ड और अन्य विश्वविद्यालयों में पढ़ाया जाना चाहिए.’ पूर्व में कई मौकों पर नरेंद्र मोदी सरकार को निशाने पर लेने वाले सिन्हा को शहर के एक संगठन ने जीएसटी और विमुद्रीकरण पर व्याख्यान देने के लिए आमंत्रित किया था.
सिन्हा ने कहा कि सरकार को तुरंत अर्थशास्त्री विजय केलकर को साथ में लेना चाहिए, जिन्होंने भारत में जीएसटी की रूपरेखा तैयार की थी.उन्होंनेकहा कि अर्थव्यवस्था को मुश्किल से निकालने के लिए जीएसटी में सकारात्मक सुधार करने चाहिए.
नोटबंदी के मोदी सरकार के फैसले पर यशवंत सिन्हा ने कहा कि किसी भी अमीर व्यक्ति को मुश्किल नहीं आयी. गरीब लोग ही पंक्तियों में खड़े थे और उन्होंने अपनी जान गंवायी.