पंजाब नेशनल बैंक घोटाला : बैंक अफसर गोकुलनाथ शेट्टी ने ऐसे आपके पैसों को नीरव मोदी को दिलवाया
नयी दिल्ली/मुंबई :11, 400 करोड़ रुपये के पंजाब नेशनल बैंक घोटाले का आरोपी अरबपति ज्वेलर्स नीरव मोदीकापूरे घोटाले में बैंक की ओर से सबसे बड़ा मददगारपीएनबीका एकअफसर गोकुलनाथ शेट्टी था. वह नौकरी तो सरकार की यानी आम जनता की करता था लेकिन उसकी कारगुजारियां बताती हैं कि वह अपना आका नीरव मोदी को मानता था […]
By Prabhat Khabar Digital Desk | February 18, 2018 1:39 PM
नयी दिल्ली/मुंबई :11, 400 करोड़ रुपये के पंजाब नेशनल बैंक घोटाले का आरोपी अरबपति ज्वेलर्स नीरव मोदीकापूरे घोटाले में बैंक की ओर से सबसे बड़ा मददगारपीएनबीका एकअफसर गोकुलनाथ शेट्टी था. वह नौकरी तो सरकार की यानी आम जनता की करता था लेकिन उसकी कारगुजारियां बताती हैं कि वह अपना आका नीरव मोदी को मानता था और एक बैंक अफसर के रूप में उसके लिए हर बुरे काम करता था. शेट्टी एक रिटायर्डडिप्टी मैनेजर है,जिसे कलकेंद्रीयजांचब्यूरो ने गिरफ्तारकर लिया. गोकुलहीवह शख्स है,जो नीरव मोदी और उसके मामा व गीतांजलिज्वेलरीके मालिक मेहुल चोकसी कोलेटरऑफ अंडरटेकिंग दिलवाता था.
शेट्टी ने एक मार्च 2017 से मात्र अगले 63 दिन में अपने रिटायरमेंट तक 143 एलओयू नीरव व चोकसी को दिलवाया. 2011 से जारी इस घोटाले में उस साल 150 एलओयू जारी हुएथे.जबकि अकेले 2017 के 63 दिन में 143 एलओयू जारी हुए. इससे पता चलता है कि अपने रिटायरमेंट के पहले गोकुल ने मामा-भांजा को देश के आम लोगों व गरीबों की गाढ़ी कमाई की खूब रेवड़ियां बांटी. मालूम हो कि पंजाब नेशनल बैंक देश का दूसरा सबसे बड़ा सरकारी बैंक है जो एनपीए के संकट से भी जूझ रहा है. 2011 में जारी एलओयू से 6500 करोड़ रुपये की निकासी हुई थी, जबकि 2017 के 143 एलओयू से 3000 करोड़ रुपये की निकासी हुई. सूत्रों के अनुसार, 63 दिनों में एलओयू जारी करने की रफ्तार इतनी तेज थी कि अगर शनिवार-रविवार व त्यौहारों की छुट्टियां नहीं होती तो यह रकम और अधिक होती.
शेट्टी पिछले साल मई में रिटायर हो गया और उसने नियम विरुद्ध 90 दिन की जगह 365 दिन के लिए एलओयू जारी किया. वह अपनी रिटायरमेंट के पहले यह सुनिश्चित कर गया कि नीरव व चोकसी को पैसा मिलता रहे. सीबीआइ इस बिंदु की जांच करेगी कि गोकुल ने ऐसा क्यों किया.
सूत्रों का यह भी कहना है कि पंजाब नेशनल बैंक के ही कुछ लोगों ने नीरव मोदी को बता दिया था कि अब सरकारी एजेंसियां उसके खिलाफ कार्रवाई कर सकती हैं, जिसके बाद उसने नियोजित ढंग से अपने परिवार को बाहर शिफ्ट कर दिया और खुद भी इस साल एक जनवरी को विदेश चला गया.
क्या होता है एलओयू?
एलओयू यानी लेटर ऑफ अंडरटेकिंग एक तरह की गारंटी होती है, जिसके आधार पर दूसरे बैंक खातेधार को पैसा मुहैया कराते हैं. अगर ग्राहक कर्ज चुकाने में विफल हो जाता है तो यह काम उसके मूल बैंक को करना होता है. इसलिए पीएनबी ने अपने बयान में कहा है कि वह दूसरे बैंकों के प्रति अपनी जिम्मेवारियां पूरा करेगा. इस जिम्मेवारी का संबंध कर्ज चुकाने से है.