दिल्ली : मुख्य सचिव अंशु प्रकाश ने AAP विधायक अमानातुल्ला खान पर एफआइआर दर्ज कराया

आइएएस संघों ने दिल्ली के मुख्य सचिव से हाथापाई की निंदा की है और कार्रवाई की मांग की है ... नयी दिल्ली:दिल्ली केमुख्यसचिव अंशु प्रकाश ने आम आदमी पार्टी के विधायकअमानतुल्ला खानव अन्य परएफआइआर दर्ज करवायीहै. अमानतुल्ला खान पर आरोप है कि उन्होंनेसोमवार रात मुख्यमंत्री अरविंदकेजरीवालके आवास पर मुख्य सचिव अंशु प्रकाश के साथ मारपीटवदुर्व्यवहार […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 20, 2018 7:03 PM
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आइएएस संघों ने दिल्ली के मुख्य सचिव से हाथापाई की निंदा की है और कार्रवाई की मांग की है

नयी दिल्ली:दिल्ली केमुख्यसचिव अंशु प्रकाश ने आम आदमी पार्टी के विधायकअमानतुल्ला खानव अन्य परएफआइआर दर्ज करवायीहै. अमानतुल्ला खान पर आरोप है कि उन्होंनेसोमवार रात मुख्यमंत्री अरविंदकेजरीवालके आवास पर मुख्य सचिव अंशु प्रकाश के साथ मारपीटवदुर्व्यवहार किया. इससे पहले दिल्ली के आइएएस अफसरों का एक प्रतिनिधिमंडल ने आज उप राज्यपाल अनिल बैजल से मुलाकात कर आम आदमी पार्टी के नेताओं की शिकायत की और उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की. दिल्ली के आइएएस अफसरों ने आज अपना काम भी रोक दिया है और कहा है कि कार्रवाई नहीं होने तक वे काम पर नहीं लौटेंगे. इस मामले में गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने भी उप राज्यपाल अनिल बैजल से रिपोर्ट मांगी है और पूरी घटना पर दु:ख जताया है.

दिल्ली के मुख्य सचिव से कल रात आप के कुछ विधायकों द्वारा कथित रूप से कीगयी हाथापाई की निंदा करते हुए इस पर अपना विरोध दर्ज कराने के लिए आइएएस अधिकारियों के दो संघों ने आज उप राज्यपाल अनिल बैजल सेदिनमें मुलाकात की और कहा कि घटना ‘‘पूर्व नियोजित और सोची समझी’ प्रतीत होती है. दिल्ली के मुख्य सचिव अंशु प्रकाश से आप के कुछ विधायकों ने मुख्यमंत्री आवास पर केजरीवाल और उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की मौजूदगी में कथित रूप से हाथापाई की.

हालांकि मुख्यमंत्री कार्यालय ने आरोप को ‘‘विचित्र और आधारहीन’ बताते हुए खारिज कर दिया है. एक अधिकारी के अनुसार केजरीवाल ने अंशु प्रकाश को विज्ञापनों के मुद्दे पर बुलाया था जिन्हें जारी नहीं किया जा रहा है.आमआदमी पार्टी का दावा है कि उन्हें राशन पर चर्चा के लिए बुलाया गया था.

अफसरों के संगठन का क्या कहना है?

आइएएस, डीएएनआइसीएस संघों और डीएएसएस ने आरोप लगाया कि कल रात की बैठक मुख्य सचिव पर इसके लिए दबाव बनाने के लिए बुलाई गयी थी कि वे उच्चतम न्यायालय के दिशानिर्देशों का उल्लंघन करते हुए आप सरकार की उपलब्धियों के संबंध में प्रचार सामग्री जारी करें. उन्होंने दावा किया कि बैठक में कोई आपातकालीन या जनहित का मुद्दा नहीं था.

संघों की ओर से जारी संयुक्त बयान में कहा गया, ‘‘घटना मुख्यमंत्री के सरकारी आवास पर हुई है जो कि स्पष्ट रूप से इस तथ्यों को देखते हुए पूर्व नियोजित, पहले से सोची समझी और मुख्य सचिव की ओर से बिना किसी उकसावे के प्रतीत होती है कि बैठक मध्य रात में बुलायीगयी थी.’ इसमें कहा गया कि यह घटना उन शृंखलाबद्ध घटनाओं के बाद हुई है जिसमें अधिकारियों को राजनीतिक प्राधिकारियों द्वारा समय समय पर अपशब्द कहने के साथ ही धमकी दी जाती रही है. इससे नौकरशाही के मुक्त और पारदर्शी तरीके से प्रभावी कामकाज में बाधा उत्पन्न होती है.

बयान में कहा गया है कि संघों ने पूर्व में राजनीतिक पार्टियों को बार-बार आग्रह किया है कि वे उन्हें अपना कर्तव्य पेशेवर तरीके से निर्वहन करने दें. बयान में कहा गया, ‘‘दिल्ली के प्रशासनिक प्रमुख पर जिस तरह से सिर पर वार के रूप में भयावह और चौंकाने वाला हमला किया गया है वह उनके जीवन एवं शारीरिक सुरक्षा के लिए खतरा है, यह निंदनीय है.’ बयान में कहा गया, ‘‘हम अनुरोध करते हैं कि इस घटना के पीछे जो लोग भी हैं उनके खिलाफ प्रभावी कार्रवाई की जाए.’

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