नयी दिल्ली : कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम के गिरफ्तार पुत्र कार्ति चिदंबरम ने यह आरोप लगाते हुए दिल्ली की एक अदालत से जमानत मांगी कि सीबीआई केंद्र के इशारे पर उनके पिता की छवि धूमिल करने का काम कर रही है, जिनके कार्यकाल के दौरान आईएनएक्स मीडिया समूह को एफआईपीबी मंजूरी दी गयी.
कार्ति ने दलील दी कि उनकी गिरफ्तारी ‘अवैध और मनमानी’ है लेकिन एजेंसी ने उनकी जमानत अर्जी का यह कहते हुए विरोध किया कि जांच महत्वपूर्ण चरण में है और आईएनएक्स मीडिया भ्रष्टाचार मामले में पूरे षड्यंत्र को उजागर करने के लिए उनसे हिरासत में पूछताछ जरूरी है. विशेष सीबीआई न्यायाधीश सुनील राणा ने जमानत अर्जी पर अगली सुनवाई की तिथि नौ मार्च तय की जब कार्ति की तीन दिन की सीबीआई हिरासत समाप्त होगी.
कार्ति को सीबीआई ने गत 28 फरवरी को चेन्नई हवाई अड्डे से गिरफ्तार किया था. कार्ति ने अपनी अर्जी में यह भी दावा किया कि उन्होंने गवाहों को प्रभावित करने का कभी भी प्रयास नहीं किया. कार्ति ने इसके साथ ही कहा कि उन्होंने दस्तावेजी सबूत से छेड़छाड़ या न्यायिक प्रक्रिया को कभी भी बाधित करने का प्रयास नहीं किया जैसा कि जांच एजेंसी ने आरोप लगाया है.
जमानत अर्जी वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने दायर की गयी थी जो कि कार्ति के लिए पेश हुए थे. अर्जी में कहा गया है कि मामले में सबूत फाइलों के रूप में हैं और वह वित्त मंत्रालय के कब्जे में है इसलिए उनके द्वारा छेड़छाड़ करने का कोई सवाल नहीं उठता. अदालत अब जमानत पर दलीलें नौ मार्च को सुनेगी जब कार्ति हिरासत से पेश किया जायेगा क्योंकि सीबीआई ने अर्जी पर विस्तृत जवाब दाखिल करने के लिए समय मांगा.
कार्ति ने अपनी अर्जी में यह भी दलील दी कि मामले की जांच के दौरान जांच अधिकारी ने उन्हें दो बार बुलाया था और उन्होंने पूरा सहयोग किया और जांच अधिकारी के सभी निर्देशों का पालन किया.
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