
नयी दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने 12 वीं की अर्थशास्त्र के पेपर की परीक्षा दोबारा कराने के सीबीएसई के निर्णय को चुनौती देने वाली पांच याचिकाओं को आज खारिज कर दिया. शीर्ष न्यायालय ने कहा कि दोबारा परीक्षा कराने का विशेषाधिकार सीबीएसई का है और इसे अदालत में चुनौती नहीं दी जा सकती. न्यायमूर्ति एस ए बोबडे और न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव की पीठ ने सीबीएसई के निर्णय को चुनौती देने वाले छात्रों से कहा कि अगर परीक्षा आयोजित होती है तो वे उसमें शामिल हों.
सीबीएसई ने 28 मार्च को कहा था की 10 वीं का गणित का प्रश्नपत्र और 12 वीं का अर्थशास्त्र का प्रश्नपत्र कथित रूप से लीक हो गया है जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट में अनेक याचिकाएं दाखिल की गयी थीं. सीबीएसई ने कल कहा था कि आकलन के बाद उसे पता चला है कि 10 वीं के गणित का पर्चा कथित रूप से लीक होने का कोई असर नहीं हुआ है इसलिए कोई परीक्षा आयोजित नहीं की जायेगी. याचिकाकर्ताओं ने सीबीएसई के निर्णय को चुनौती देने के साथ ही कथित पेपर लीक मामले की सीबीआई से जांच कराने की भी मांग की है.
उनका तर्क है कि विभिन्न राज्यों से अनेक घटनाओं की रिपोर्ट मिली हैं और दिल्ली पुलिस देश भर में जांच करने में सक्षम नहीं है. याचिकाकर्ताओं में से एक 15 वर्षीय रोहन मैथ्यू ने लीक मामले की स्वतंत्र जांच की मांग के साथ ही सीबीएसई को ली जा चुकी परीक्षा के आधार पर ही परीणामों की घोषणा करने के निर्देश देने की मांग की. मैथ्यू तथा दो अन्य ने 10 वीं की गणित की परीक्षा दोबारा कराने के सीबीएसई के निर्णय को अनेक आधार पर रद्द करने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट का रूख किया था. अपनी याचिका में उन्होंने कहा था कि यह उनके मानवाधिकारों का उल्लंघन है. इससे पहले यहां के शकरपुर निवासी रीपक कंसल ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करके दोनों परीक्षाओं को रद्द करने तथा दोबारा आयोजित कराने के सीबीएसई के निर्णय को चुनौती दी थी.