मोदी की चुप्पी पर मनमोहन का हमला, कहा- जो सलाह मुझे देते थे, खुद भी अपनाएं

नयी दिल्ली: कठुआ और उन्नाव के सनसनीखेज गैंगरेप मामले में कई दिनों तक चुप रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने जोरदार प्रहार किया है. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी को उस सुझाव का पालन करना चाहिए जो वह मुझे कभी देते नजर आते थे, उन्हें अक्सर बोलते रहना चाहिए. मनमोहन सिंह […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 18, 2018 10:35 AM
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नयी दिल्ली: कठुआ और उन्नाव के सनसनीखेज गैंगरेप मामले में कई दिनों तक चुप रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने जोरदार प्रहार किया है. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी को उस सुझाव का पालन करना चाहिए जो वह मुझे कभी देते नजर आते थे, उन्हें अक्सर बोलते रहना चाहिए. मनमोहन सिंह ने इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए ये बातें कही. पूर्व पीएम ने कहा कि मुझे खुशी है कि मोदी जी ने चुप्पी तोड़ी. यहां चर्चा कर दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले शुक्रवार को लंबी चुप्पी के बाद डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की जयंती के एक कार्यक्रम में कहा था कि ‘भारत की बेटी’ को न्याय मिलेगा और जरूर मिलेगा, दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा.

भाजपा और खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा मनमोहन सिंह को ‘मौन मोहन सिंह’ कहा जाता रहा है. इसके संबंध में जब उनसे सवाल किया गया तो पूर्व प्रधानमंत्री और कांग्रेस नेता मनमोहन सिंह ने कहा कि मैंने इस तरह के बयान पूरी जिंदगी सुनी है मुझे इसकी आदत सी हो चुकी है. आगे सिंह ने कहा कि लेकिन मुझे लगता है कि पीएम मोदी को अपनी सलाह का पालन करना चाहिए जो मुझे वो देते थे और उन्हें इस तरह के मसलों पर अधिक बोलना चाहिए.

उन्होंने कहा कि मुझे मीडिया के माध्यम से पता चला कि नहीं बोलने की वजह से वह मेरी आलोचना करते थे. मुझे लगता है कि पीएम मोदी जो सुझाव मुझे देते थे उसका उन्हें खुद पालन करना चाहिए. पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने 2012 के निर्भया गैंगरेप मामले को याद किया और कहा कि तब कांग्रेस पार्टी की सरकार ने जरूरी कदम उठाये थे और रेप से जुड़े कानून को बदला था.

कठुआ गैंगरेप मामले में जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने किस तरह कार्रवाई की. इससे संबंधित सवाल पर मनमोहन सिंह ने कहा कि वह (मुफ्ती) और गंभीरता से केस को देख सकती थी, अगर केस की शुरूआत में गंभीरता दिखाने का काम किया जाता तो आरोपियों को और जल्द गिरफ्तार किया जा सकता था. उन्होंने कहा कि महबूबा मुफ्ती की सरकार पर भाजपा गठबंधन का दबाव हो सकता है. हो सकता कि इसलिए कार्रवाई में देरी हुई हो.

गौर हो कि कठुआ और उन्नाव दोनों ही मामलों में भाजपा गठबंधन की सरकार विपक्ष के कठघरे में आ गयी थी.

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