जोधपुर : नाबालिग शिष्या से रेप के मामले में 77 साल के स्वयंभू बाबा आसाराम को बुधवार को स्पेशल कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनायी. फैसला सुनाते हुए स्पेशल एससी/एसटी कोर्ट के जज मधुसूदन शर्मा ने कहा कि आसाराम संत कहलाते हैं, लेकिन दोषी ने ना सिर्फ पीड़िता का विश्वास तोड़ा, बल्कि संतों की छवि को भी नुकसान पहुंचाया है. फैसला सुनने के बाद आसाराम रोने लगे. फिर कहा कि जैसी ऊपर वाले की मर्जी. कोर्ट ने उसके दो सहयोगियों शिल्पी और शरतचंद्र को भी 20-20 साल की सजा सुनायी. दो सहयोगी प्रकाश और शिव को बरी कर दिया. आसाराम के अलावा और भी कुछ संत हैं जो जेल में सजा काट रहे हैं. आइए जानते हैं इनके बारे में…
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