जानकारी के अनुसार, जावेद अहमद को शोपियां के कचदूरा गांव की एक मेडिकल की दुकान से अगवा किया गया था. बताया जा रहा है कि आतंकी एक कार से पहुंचे थे और जावेद को जबरन बैठाकर ले गये.जम्मू-कश्मीर पुलिस के डीजीपी एसपी वैद्य ने मामले की पुष्टि करते हुए बताया कि गुरुवार रात को अपहरण करने वाले पुलिस के जवान को आतंकियों ने मार डाला है. पुलिस को जवान का शव कुलगाम से मिला है और उसके शरीर पर गोली के निशान पाये गये है.
मौत थी सामने फिर भी बेबाकी से जवाब दे रहा था औरंगजेब, देखें VIDEO
यहां चर्चा कर दें कि कचदूरा में इस साल एक एनकाउंटर में पांच आतंकियों को सुरक्षाबलों ने मार गिराया था.
औरंगजेब की हत्या
यदि आपको याद हो तो आतंकवादियों ने 14 जून को सेना के जवान औरंगजेब को कलमपोरा से अगवा किया गया था जिसके बाद उनकी हत्या कर दी थी. औरंगजेब अपने गांव ईद मनाने के लिए गये थे. औरंगजेब की हत्या करने के पहले आतंकवादियों ने उनका एक वीडियो भी बनाया था , जिसमें आतंकवादियों ने उनसे कई सवाल भी पूछे थे और वीडियो में साफ नजर आ रहा था कि अंतिम क्षणों में भी औरंगजेब आतंकियों से डरा नहीं और बेबाकी से जवाब देते नजर आये. वे 44 राष्ट्रीय राइफल के साथ शोपियां के शादीमर्ग में तैनात थे.
ईद की छुट्टी मनाने घर जा रहे अपहृत जवान औरंगजेब की हत्या
पहले भी इस तरह की घटना को अंजाम दे चुके हैं आतंकी
आतंकी पहले भी छुट्टी पर आने वाले जवानों को निशाना बना चुके हैं. मई 2017 में सेना के लेफ्टिनेंट उमर फयाज की आतंकियों ने अगवा करने के बाद हत्या कर दी थी. उमर फयाज 22 साल के थे जो अपने कजन की शादी समारोह में शामिल होने शोपियां पहुंचे थे. 2017 में शोपियां के ही टेरिटोरियल आर्मी जवान इरफान अहमद को आतंकियों ने गोली मार दी थी. उन्हें भी घर से ही अगवा किया गया था.
ऑपरेशन ऑलआउट से बौखलायेआतंकी
आतंकी राज्यपाल शासन में सुरक्षाबलों की कार्रवाई से बौखला चुके हैं. सेना आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन ऑलआउट में तेजी लायी है. 22 आतंकियों की हिटलिस्ट तैयार की है, जिसमें हिजबुल मुजाहिद्दीन के 11, लश्कर-ए-तैयबा के सात और जैश-ए-मोहम्मद के दो आतंकी शामिल हैं. हाल ही में सेना ने आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएस) के प्रमुख दाऊद अहमद सलाफी उर्फ बुरहान और उसके तीन सहयोगी को ढेर कर दिया था.