उन्होंने बताया कि सिंह का अंतिम संस्कार गुरुवारको दिल्ली के लोधी रोड श्मशान घाट पर किया जायेगा. भीष्म नारायण सिंह मूल रूप से झारखंड के पलामू जिला के रहने वाले थे. वह आजीवन कांग्रेस से जुड़े रहे. 30 वर्ष तक वह अखिल भारतीय कांग्रेस समिति के सदस्य रहे.
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13 जुलाई, 1933 को पलामू जनपद के उदयगढ़ गांव में एक किसान परिवार में पैदा हुए सिंह की शिक्षा काशी हिंदू विश्वविद्यालय से हुई. वह 1967 में पहली बार बिहार विधानसभा के सदस्य चुने गये. सिंह बिहार के शिक्षा, खाद्य आपूर्ति और वाणिज्य मंत्री भी रहे. वह 1976 में राज्यसभा के लिए चुने गये.
उन्होंनेकेंद्र में संसदीय कार्य, आवास, श्रम, खाद्य, नागरिक आपूर्ति तथा संचार मंत्री के रूप में काम किया. 1984 में उन्हें असम और मेघालय का राज्यपाल बनाया गया. बाद में वह सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश और तमिलनाडु के राज्यपाल भी रहे. सिंह अंतिम समय तक भी राजनीति व सामाजिक सरोकार के कार्यों से जुड़े रहे. वह नोएडा के कई सामाजिक संस्थाओं में सक्रिय थे.
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उनके निधन की सूचना पाकर कई गणमान्य लोग, राजनेता, अफसर, पत्रकार व सामाजिक कार्यकर्ता उनके आवास पर पहुंचे. सभी ने शोक संतप्त परिवार को सांत्वना दी. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा, ‘पूर्व गवर्नर और केंद्रीय मंत्री रहे डॉ भीष्म नारायण सिंह का निधन कांग्रेस के लिए बड़ी क्षति है. इस मुश्किल घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिवार के साथ हैं. ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दें.’