राज्यसभा चुनाव में नोटा की अनुमति नहीं दी जा सकती : सुप्रीम कोर्ट

नयी दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने राज्यसभा चुनाव में ‘इनमें से कोई नहीं (नोटा)’ विकल्प की अनुमति देने से आज इनकार कर दिया. प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति एएम खानविलकर और न्यायमूर्ति डीवाइ चंद्रचूड़ की पीठ ने राज्यसभा चुनाव के मतपत्रों में नोटा के विकल्प की इजाजत देने वाली चुनाव आयोग की अधिसूचना को रद्द […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 21, 2018 12:44 PM
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नयी दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने राज्यसभा चुनाव में ‘इनमें से कोई नहीं (नोटा)’ विकल्प की अनुमति देने से आज इनकार कर दिया. प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति एएम खानविलकर और न्यायमूर्ति डीवाइ चंद्रचूड़ की पीठ ने राज्यसभा चुनाव के मतपत्रों में नोटा के विकल्प की इजाजत देने वाली चुनाव आयोग की अधिसूचना को रद्द कर दिया. शीर्ष अदालत ने आयोग की अधिसूचना पर सवाल उठाया और कहा कि नोटा सीधे चुनाव में सामान्य मतदाताओं के इस्तेमाल के लिए बनाया गया है. यह फैसला शैलेष मनुभाई परमार की याचिका पर आया है.

पिछले राज्यसभा चुनाव में वह गुजरात विधानसभा में कांग्रेस के मुख्य सचेतक थे जिसमें पार्टी ने सांसद अहमद पटेल को उतारा था. परमार ने मतपत्रों में नोटा के विकल्प की इजाजत देने वाली आयोग की अधिसूचना को चुनौती दी थी. शीर्ष अदालत ने पहले कहा था कि नोटा की शुरुआत करके चुनाव आयोग मतदान नहीं करने को वैधता प्रदान कर रहा है. गुजरात कांग्रेस के नेता ने कहा था कि राज्यसभा चुनाव में यदि नोटा के प्रावधान को मंजूरी दी जाती है तो इससे ‘‘खरीद-फरोख्त और भ्रष्टाचार’ को बढ़ावा मिलेगा.

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