अहमदाबाद का बुरारी कांड : अंधविश्वास में एक और परिवार ने कर ली खुदकुशी!

अहमदाबाद : दिल्ली के बुराड़ी कांड जैसा दिल दहला देने वाला एक नया मामला गुजरात के अहमदाबाद शहर में सामने आया है, जहां एक परिवार के तीन सदस्यों ने एक साथ आत्महत्या कर ली. पूरी घटना के पीछे कोई तंत्र-मंत्र का चक्कर बता रहा है,तो कोई आर्थिक तंगी और कर्ज को वजह मान रहा है.... […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 12, 2018 6:40 PM
feature

अहमदाबाद : दिल्ली के बुराड़ी कांड जैसा दिल दहला देने वाला एक नया मामला गुजरात के अहमदाबाद शहर में सामने आया है, जहां एक परिवार के तीन सदस्यों ने एक साथ आत्महत्या कर ली. पूरी घटना के पीछे कोई तंत्र-मंत्र का चक्कर बता रहा है,तो कोई आर्थिक तंगी और कर्ज को वजह मान रहा है.

नरोदा पुलिस स्टेशन के इंस्पेक्टर एचबी वाघेला के मुताबिक, मृतकों की पहचान कुणाल त्रिवेदी (50), उनकी पत्नी कविता त्रिवेदी (45) और बेटी शिरीन त्रिवेदी (16) के तौर पर हुई है. परिवार अहमदाबाद के नरोदा इलाके में स्थित अवनी फ्लैट्स में रहता था.

पुलिस के अनुसार, कुणाल एक प्राइवेट इंश्योरेंस कंपनी में डिविजनल मैनेजर के पद पर कार्यरत थे. कुणाल ने पहले अपनी पत्नी और बेटी को जहर खिलाया और बाद में खुद फांसी लगा ली.

पुलिस ने बताया कि कुणाल त्रिवेदी ने तीन पेज का सुसाइड नोट लिखा है. इसमें कुणाल ने कत्ल और खुदकुशी की वजह काली ताकतों को बताया.

पुलिस की आेर से दी गयी जानकारी के मुताबिक, कुणाल ने अपनी मां जयश्री बेन (75) को भी जहर दिया था. वह बेहोशी की हालत में मिलीहैंऔर उनकी हालत नाजुक है. पत्नी कविता और बेटी शिरीन के शव बेडरूम में मिले. कुणाल का शव छत से लटक रहा था.

क्या लिखा है सुसाइड नोट में?
कुणाल ने आगे लिखा है- मां मैंने तुमसे कई बार कहा कि कोई काली ताकत है, जिससे मैं परेशान हूं. तुम मेरी बात पहले मान लेती, तो आज यह हालत न होती. मेरी डिक्शनरी में आत्महत्या शब्द है ही नहीं. मैंने कभी शौक से शराब नहीं पी. मेरी कमजोरी का काली शक्तियों ने भरपूर इस्तेमाल किया.

मैंने धंधे में एमपी वाले को 14 लाख 55 हजार रुपये दिये हैं. मैं कर्जदार नहीं हूं. कोई भी तुम लोगों से हजार रुपये भी नहीं मांग सकता. मैं कई बार गिरा और खड़ा हुआ, पर कभी हारा नहीं. अब परेशानियां दिनों-दिन बढ़ती जा रही हैं.

आखिर में कुणाल ने लिखा- जिग्नेश भाई, अब यह आपकी जवाबदारी है, शेर अलविदा कह रहा है. जिग्नेश कुमार, तुषार भाई आप सबने कुणाल की यह स्थिति देखी है.लेकिन कोई कुछ नहीं कर पाया.

मां की तरह पत्नी कविता जितना कर सकती थी, उतना किया भी. उसे विश्वास था कि कुलदेवी आकर उसे बचा लेगी, पर काली शक्ति इतनी आसानी से पीछा नहीं छोड़ती.

पुलिस मामले की छानबीन में जुटी है. मृतकों के शव को सिविल अस्पताल पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया है. आत्महत्या के इस मामले की तह जक जाने के लिए फॉरेंसिक एक्सपर्ट्स की भी मदद ली जा रही है.

आपको याद दिला दें कि कुछ महीने पहले दिल्ली के बुरारी इलाके में एक एेसी ही घटना घटी थी, जिसमें तंत्र-मंत्र के चक्कर में एक ही परिवार के 11 लोगों ने एक साथ आत्महत्या कर ली थी.

संबंधित खबर
संबंधित खबर और खबरें
होम E-Paper News Snaps News reels
Exit mobile version