नयी दिल्ली : हाल ही में शुरू की गयी आयुष्मान भारत- प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (एबी-पीएमजेएवाई) के तहत पहली बार लाभ लेने के लिए आधार अनिवार्य नहीं है, लेकिर दूसरी दफा उपचार के लिए आधार अनिवार्य होगा.
पीएमजेएवाई के क्रियान्यन के लिए जिम्मेदार राष्ट्रीय स्वास्थ्य एजेंसी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी इंदू भूषण ने कहा कि यदि आधार नहीं है तो लाभार्थी को कम से कम यह साबित करने के लिए दस्तावेज पेश करने होंगे कि वे 12 अंक की विशिष्ट पहचान संख्या के लिए पंजीकरण करवा चुके हैं.
यह कदम ऐसे समय पर आया है जब उच्चतम न्यायालय आधार योजना को संवैधानिक रुप से वैध ठहरा चुका है. भूषण ने कहा, हम उच्चतम न्यायालय के आदेश का अध्ययन कर रहे हैं. आधार संख्या या यह साबित करने के लिए कम से कम ऐसे दस्तावेज, कि व्यक्ति ने 12 अंक की विशिष्ट पहचान संख्या के लिए पंजीकरण कराया है, इस योजना के तहत दूसरी दफा उपचार के लिए अनिवार्य होगा.
उन्होंने कहा, पहली बार (इस योजना का) लाभ उठाने के लिए व्यक्ति आधार या चुनाव पहचान पत्र जैसे कोई पहचान पहचान पत्र दिखा सकता है. आयुष्मान भारत- राष्ट्रीय स्वास्थ्य सुरक्षा मिशन का नाम बदलकर आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना किया गया है.
प्रधानमंत्री ने इसे 23 सितंबर को झारखंड से अखिल भारतीय स्तर पर लांच किया. एनएचए के उप मुख्य कार्यकारी अधिकारी दिनेश अरोड़ा ने बताया कि इस योजना की शुरुआत होने के बाद अब तक 47,000 से अधिक लोग उसका लाभ उठा चुके हैं. 92000 से अधिक लोगों को गोल्ड कार्ड दिया जा चुका है. इसे दुनिया का सबसे बड़ा स्वास्थ्य बीमा कार्यक्रम बताया जा रहा है.
इस योजना के तहत सरकार का लक्ष्य 10.74 करोड़ से अधिक गरीब परिवारों को पैनल के स्वास्थ्य देखभाल प्रदाताओं (ईएचसीपी) के नेटवर्क के माध्यम से द्वितीयक और तृतीयक देखभाल के तहत उपचार हेतु भर्ती के लिए पांच लाख रुपये प्रति परिवार सलाना कवरेज प्रदान करना है.
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