नयी दिल्ली : भारतवर्ष 2030 तक ग्लोबल वार्मिंग में 2 डिग्री सेल्सियस की कटौती नहीं कर सकेगा,जो पेरिस समझौते में तय हुआ था. एक नयी रिपोर्ट में यह दावा किया गया है.
वर्ष 2016 के पेरिस समझौते का उद्देश्य इस सदी में वैश्विक तापमान में दो डिग्री सेल्सियस की कमी लाकर इसमें बढ़ोतरी रोकने के लिए जलवायु परिवर्तन के प्रति अंतरराष्ट्रीय प्रयासों को मजबूत करना है.
14 जलवायु अनुसंधान संगठनों और जी20 के अधिकतर देशों के एनजीओ के वैश्चिक साझेदारी समूह क्लाइमेट ट्रांसपेरेंसी ने ‘ब्राउन टू ग्रीन रिपोर्ट’ तैयार की है. भारत के लिए इसमें टेरी साझेदार है.
रिपोर्ट में वर्ष 2017 के ताजा उत्सर्जन आंकड़ों का उपयोग किया गया है और डिकार्बोनाइजेशन, जलवायु नीतियों, वित्त तथा जलवायु परिवर्तन के प्रभावों की संवेदनशीलता पर 80 संकेतकों को इसमें शामिल किया गया है.
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