राम मंदिर पर बोली शिवसेना : कांग्रेस के कंधों पर बंदूक रखकर ‘राजनीतिक नौटंकी” बंद करें पीएम मोदी

मुंबई : शिवसेना ने सोमवार को आरोप लगाया कि ‘राजनीतिक इच्छाशक्ति की कमी’ के कारण अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण में देरी हो रही है और इस मसले को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कांग्रेस के कंधों पर बंदूक रख कर ‘राजनीतिक नौटंकी’ करनी बंद करनी चाहिए. 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान मोदी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 26, 2018 2:41 PM
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मुंबई : शिवसेना ने सोमवार को आरोप लगाया कि ‘राजनीतिक इच्छाशक्ति की कमी’ के कारण अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण में देरी हो रही है और इस मसले को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कांग्रेस के कंधों पर बंदूक रख कर ‘राजनीतिक नौटंकी’ करनी बंद करनी चाहिए. 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान मोदी के ‘56 इंच का सीना’ संबंधी टिप्पणी के लिए उन्हें आड़े हाथ लेते हुए शिवसेना ने कहा कि कांग्रेस में राम मंदिर बनाने का साहस नहीं था, इसलिए उसे सत्ता से बाहर कर दिया गया और ‘56 इंच का सीना’ रखने वाले एक व्यक्ति को प्रशासन की चाभी दी गयी.

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पार्टी के मुखपत्र ‘सामना’ के एक संपादकीय में कहा गया है कि इसके बावजूद अगर आप कांग्रेस को पानी, भूमि और वायु में देख रहे हैं, तो एक बार फिर लोगों को आपके सीने की नाप लेनी होगी. अगर राम लगातार ‘वनवास’ में रहेंगे, तब आप अपनी राजनीतिक ‘नौटंकी’ बंद करें. 2014 के लोकसभा चुनाव के लिए प्रचार के दौरान मोदी ने कहा था कि पाकिस्तान का मुकाबला करने के लिए ‘56 इंच का सीना’ चाहिए.

कांग्रेस पर अदालत की प्रक्रिया में अवरोध उत्पन्न करने के प्रधानमंत्री के आरोप पर शिवसेना ने कहा कि मोदी को गांधी परिवार और कांग्रेस के खिलाफ आरोप लगाना बंद करना चाहिए. इस तरह की रुकावटें तथा मुसीबतों का पहाड़ा पढ़ने के लिए आपको सत्ता नहीं सौंपी गयी है. राम मंदिर में कांग्रेस और उत्तर प्रदेश की समाजवादी पार्टी की ओर से रुकावटें थीं, इसीलिए तो लोगों ने उन्हें सत्ता से बेदखल कर भाजपा को सत्ता में लाया. इसलिए अब कांग्रेस पर ठीकरा फोड़ना बंद करें.

इसमें कहा गया है कि कांग्रेस के विरोध के बावजूद क्या नोटबंदी नहीं हुई? कांग्रेस की ओर से रुकावट के बावजूद क्या जम्मू-कश्मीर में महबूबा मुफ्ती (पीडीपी) के साथ आपने सरकार नहीं बनाई? तब राम मंदिर के निर्माण में अवरोध क्यों? भाजपा के दावों का विरोध करते हुए शिवसेना ने दावा किया कांग्रेस नहीं, बल्कि मंदिर के निर्माण में ‘राजनीतिक इच्छाशक्ति की कमी’ सबसे बड़ा अवरोध है. शिवसेना केन्द्र और राज्य में भाजपा की सहयोगी है.

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