राफेल की कीमत पर कांग्रेस जानबूझ कर लोगों को गुमराह कर रही : सीतारमण

मुंबई : रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को कांग्रेस पर हमला बोलते हुए पार्टी पर राफेल विमान की कीमत को लेकर लोगों को जानते-बूझते हुए गुमराह करने का आरोप लगाया.... रक्षा सौदे में भ्रष्टाचार का आरोप लगाने के लिए गांधी परिवार को आड़े हाथ लेते हुए सीतारमण ने कहा कि मामले में उच्चतम न्यायालय […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 17, 2018 4:39 PM
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मुंबई : रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को कांग्रेस पर हमला बोलते हुए पार्टी पर राफेल विमान की कीमत को लेकर लोगों को जानते-बूझते हुए गुमराह करने का आरोप लगाया.

रक्षा सौदे में भ्रष्टाचार का आरोप लगाने के लिए गांधी परिवार को आड़े हाथ लेते हुए सीतारमण ने कहा कि मामले में उच्चतम न्यायालय के फैसले को अनसुना कर उन्होंने कमाल की ढिठाई दिखायी है. मुंबई में भाजपा कार्यालय में उन्होंने संवाददाताओं से कहा, कांग्रेस जानते-बूझते हुए राफेल विमान की कीमत पर लोगों को गुमराह कर रही है. उन्होंने कहा कि राफेल सौदे के संबंध में दायर याचिकाओं पर शीर्ष अदालत के फैसले को अनसुना करने के, गांधी परिवार के रुख को, कमाल की ढिठाई कहा जा सकता है. उच्चतम न्यायालय के राफेल विमान सौदे पर दिये फैसले की पृष्ठभूमि में विपक्षी दल पर हमला करने के लिए सोमवार को भाजपा देश के 70 शहरों में संवाददाता सम्मेलन कर रही है. इसी क्रम में सीतारमण संवाददाताओं से बात कर रही थीं.

रक्षा मंत्री ने कहा, हमने सीएजी को मूल्य के बारे में बताया था, संसदीय प्रणाली में सीएजी उन्हें देखती है और उसकी रिपोर्ट पीएसी को भेजी जाती है. इसके बाद पीएसी उसे देखती है और फिर वह सार्वजनिक दस्तावेजों का रूप लेते हैं. यह प्रक्रिया है और यह शुरू हो गयी है. उन्होंने कहा, हलफनामे में हमने आंकड़े और जानकारी दी है. हमें लगता है कि इसे समझाने में कोई परेशानी हुई है, हम चाहते हैं कि आप (अदालत) इसे देखें और सही करें. हमारी अदालत से यह अपील है, हम इस पर उनकी व्यवस्था का इंतजार करेंगे.

मंत्री ने आगे कहा कि उन्होंने संसद तक जानकारी पहुंचने की प्रक्रिया पर भी प्रकाश डाला है. उन्होंने कहा, भूत काल, वर्तमान काल, भविष्यत काल और वर्तमान निरंतर काल की बात हुई है. यह सब फैसले के बाद हो रहा है. इसलिए फैसला इससे कैसे प्रभावित हो सकता है? उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को कहा था कि फ्रांस से 36 विमान खरीदने का निर्णय लेने की प्रक्रिया पर संदेह करने की कोई वजह नहीं है. साथ ही न्यायालय ने 58,000 करोड़ रुपये के इस सौदे के खिलाफ अनियमितताओं का आरोप लगाते हुए दायर की गयी सभी याचिकाओं को भी खारिज कर दिया था.

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