YEAR 2018 बयानबाजी के लिए रहेगा याद, स्तरहीन हुई राजनीति में बयानबाजी

नयी दिल्ली : साल 2018 राजनीतिक बयानबाजी के नजरिये से बेहद रोचक और कभी- कभी निराशाजनक रहा. कई बार बयानों की वजह से मुस्कान खिली, तो कई बार राजनीतिक बयानबाजी के गिरते स्तर ने निराश कर दिया. "चौकीदार चोर है " "मसखरा राजकुमार", नामदार औऱ कामदार यह कुछ ऐसे शब्द हैं जिन्होंने राजनीतिक बयानबाजी में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 26, 2018 2:43 PM
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नयी दिल्ली : साल 2018 राजनीतिक बयानबाजी के नजरिये से बेहद रोचक और कभी- कभी निराशाजनक रहा. कई बार बयानों की वजह से मुस्कान खिली, तो कई बार राजनीतिक बयानबाजी के गिरते स्तर ने निराश कर दिया. "चौकीदार चोर है " "मसखरा राजकुमार", नामदार औऱ कामदार यह कुछ ऐसे शब्द हैं जिन्होंने राजनीतिक बयानबाजी में नेताओं को नये शब्द दिये .

"साल 2019 में कौन प्रधानमंत्री होगा कहना मुश्किल है". बाबा रामदेव ने साल के अंत में यह बयान देकर राजनीतिक सरगर्मी तेज कर दी है. बाबा रामदेव ने कहा मैं आपको सारी चीजें नहीं बता सकता. बाबा के इस बयान से जाहिर है नये साल में इस बयान का राजनीतिक असर होगा. बाबा यहां राजनीतिक बदलाव का संकेत दे रहे हैं, लेकिन साल 2018 में कई ऐसे बयान सामने आये जिससे विवाद बढ़ा. आइए जानते हैं कुछ ऐसे ही बयान जिनसे विवाद बढ़ा :-

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