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राय ने लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के साथ गठबंधन नहीं होने के लिये कांग्रेस नेताओं के ‘अहंकारी रुख’ को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि जिस प्रकार कांग्रेस के नेता कैप्टन अमरिंदर सिंह और शीला दीक्षित के बयान आ रहे हैं, उनसे यह साफ है कि देशहित से कांग्रेस का कुछ लेना-देना नहीं है और उसके लिए अपना अहंकार सर्वोपरि है.
कांग्रेस के साथ गठबंधन नहीं करने के आप के फैसले पर कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा कि मुझे लगता है कि इन तीनों राज्यों की कांग्रेस इकाइयों का नेतृत्व शुरुआत से ही आप के साथ किसी भी तरह के गठबंधन के खिलाफ था. वहीं, दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी की अध्यक्ष शीला दीक्षित ने इस पर टिप्पणी से इनकार किया.
कांग्रेस की दिल्ली इकाई के कार्यकारी अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने कहा कि उनके फैसले पर हम क्या कह सकते हैं. हमारी तरफ से गठबंधन को लेकर कोई बात नहीं हुई थी. दिल्ली के लोगों में कांग्रेस के प्रति फिर से विश्वास पैदा हुआ है आैर आप देखेंगे कि जनता भाजपा और आप दोनों को खारिज करेगी. वहीं, हरियाणा कांग्रेस के अध्यक्ष अशोक तंवर ने कहा कि आम आदमी पार्टी हरियाणा में कहीं नहीं है. इनकी गंभीरता का अंदाजा आप इसी से लगा सकते हैं कि लोकसभा चुनाव से पहले जींद में देश का आखिरी उपचुनाव हो रहा है, लेकिन आप नहीं लड़ रही है. दरअसल, हरियाणा में इनका कोई आधार नहीं है. राज्य में कांग्रेस को किसी गठबंधन की जरूरत नहीं है.