नयी दिल्ली : दिल्ली की एक अदालत ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल के बेटे विवेक द्वारा दायर एक मानहानि मामले में कांग्रेस नेता जयराम रमेश को व्यक्तिगत पेशी से बृहस्पतिवार को छूट दे दी. हालांकि, उन्हें नौ मई को पेश होने का निर्देश दिया.
अदालत ने कहा, आरोपी नंबर 1 जयराम रमेश ने अपने वकील उमर होदा के जरिये व्यक्तिगत पेशी से छूट की अर्जी दायर की. अर्जी में जिक्र किये गये आधार पर विचार करते हुए उन्हें इसकी छूट दी गयी. अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट समर विशाल ने ‘द कैरवां’ के एडिटर इन चीफ और उसके रिपोर्टर को भी जमानत दे दी. वे दोनों मामले में आरोपी के तौर पर तलब किये जाने पर अदालत के समक्ष पेश हुए थे. अदालत ने कहा कि चूंकि आईपीसी की धारा 500 के तहत मानहानि का अपराध जमानती है, इसलिए दोनों आरोपियों को बीस-बीस हजार रुपये के निजी मुचलके और जमानत राशि पर छोड़ा जायेगा. जमानत स्वीकार कर ली गयी.
रमेश ने अदालत के सामने बृहस्पतिवार को पेशी से छूट दिये जाने का अनुरोध किया था जिसके बाद कांग्रेस नेता को छूट दे दी गयी. हालांकि, अदालत ने कहा कि सभी आरोपियों को सुनवाई की अगली तारीख नौ मई को नोटिस तैयार किये जाने के उद्देश्य के लिए व्यक्तिगत रूप से पेश होना होगा. ‘द कैरवां’ ने अपने आलेख में आरोप लगाया था कि विवेक डोभाल ‘केमैन आइलैंड्स’ में हेज फंड चलाते हैं जो कर चोरी के लिए एक प्रमुख स्थान है. विवेक ने अदालत में अपना बयान दर्ज कराया था और कहा था कि पत्रिका द्वारा लगाये गये और बाद में रमेश द्वारा 17 जनवरी को संवाददाता सम्मेलन में दोहराये गये सभी आरोप निराधार और झूठे हैं और इनके कारण उनके परिवार एवं सहकर्मियों की नजरों में उनकी प्रतिष्ठा कम हुई है.
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