खट्टर ने कहा है कि गुरमीत राम रहीम के परोल पर फिलहाल कोई फैसला नहीं लिया गया है. उन्होंने कहा कि हर कैदी को एक समय के बाद परोल का अधिकार होता है. कोई भी कैदी परोल की डिमांड कर सकता है. परोल मांगने से किसी को नहीं रोका जा सकता.
आगे उन्होंने कहा कि कैदी परोल की डिमांड जेल अधीक्षक से करता है. अधीक्षक उसे जिला उपायुक्त की ओर बढ़ा देता है. उपायुक्त उक्त डिमांड को एसपी को भेजते हैं जिसपर अंतिम मुहर डिविजनल कमिश्नर लगाते हैं. अभी इन सभी का फैसला शेष है.
खट्टर ने आगे कहा कि राम रहीम की परोल पर फिलहाल कोई फैसला नहीं हुआ है. सरकार इस मामले में प्रदेश हित को ध्यान में रखते हुए कुछ फैसला करेगी. कुछ निश्चित कानूनी प्रकियाएं होती हैं. जिस कैदी को परोल लेने का हक है, वह ले सकता है. सरकार किसी को रोक नहीं सकती है.
यहां चर्चा कर दें कि गुरमीत राम रहीम सिंह ने हरियाणा के सिरसा में खेतों की देखभाल के लिए 42 दिन के परोल की डिमांड की है. वह बलात्कार व हत्या के मामले में दोषी करार दिया जा चुका है और जेल में बंद है.