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इस दलील पर संज्ञान लेते हुए अदालत ने उनसे ऐसी फाइलों का विशिष्ट विवरण देने को कहा. पीठ ने कहा कि पता लगाइए कि इस तरह की कितनी फाइलें हैं. मेहरा ने यह अभिवेदन प्रशासनिक निदेशकों की नियुक्ति का अनुरोध करने वाली याचिका पर सुनवाई के दौरान कही. इन नियुक्तियों में ‘बोर्ड ऑफ इंद्रप्रस्थ मेडिकल कॉरपोरेशन लिमिटेड’ में अध्यक्ष की नियुक्ति का मामला भी शामिल है. यह दिल्ली सरकार एवं इंद्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिट्ल्स एंटरप्राइज़ेज लिमिटेड का संयुक्त उद्यम है.
दिल्ली सरकार के वकील ने अदालत को बताया कि स्वास्थ्य मंत्री ने पिछले साल सितंबर में निदेशकों की नियुक्ति करने का निर्णय किया था और इस बाबत स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को अधिसूचना जारी करने के लिए निर्देश दे दिये थे. मेहरा ने कहा कि अधिकारी अधिसूचना इसलिए जारी नहीं कर रहे हैं, क्योंकि मंत्री की ओर से लिये गये फैसले को उपराज्यपाल की मंजूरी के लिए उनके सामने नहीं रखा गया है.
उन्होंने बताया कि इसी तरह से विभिन्न महकमों के करीब 350 फैसलों को अधिकारियों ने लंबित रखा हुआ है. इसके बाद, पीठ ने स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को याचिका पर अपना रुख बताने के लिए नोटिस जारी किया. यह याचिका अनिल मित्तल ने दायर की है.