अधिकारियों ने ब्योरा साझा किये बिना बताया कि कुछ और गिरफ्तारियां हुई हैं. केंद्र द्वारा जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाये जाने और राज्य को दो हिस्सों में बांटे जाने के कुछ घंटे बाद ये गिरफ्तारियां हुईं. बताया जा रहा है कि ये सभी नजरबंद नेता केंद्र सरकार के फैसले के बाद अपने घरों से निकलने का प्रयास कर रहे थे, इसी दौरान उनकी गिरफ्तारियां हुई हैं.
केंद्र सरकार के इस फैसले के बाद पीडीपी प्रमुख और राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने एक ट्वीट के जरिए कहा कि ‘यह फैसला उपमहाद्वीप के लिए विनाशकारी परिणाम लेकर आयेगा. भारत सरकार की मंशा साफ है. वे जम्मू कश्मीर के लोगों को आतंकित कर इस पर अपना अधिकार चाहते हैं. भारत कश्मीर के साथ किये गये वादों को निभाने में विफल रहा.’
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने अनुच्छेद 370 पर सरकार के कदम को ‘एकतरफा एवं चौंकाने वाला’ करार दिया और कहा कि यह राज्य की जनता के साथ ‘पूरी तरह विश्वासघात’ है.
उन्होंने कहा, ‘आज किया गया भारत सरकार का एकतरफा एवं चौंकाने वाला निर्णय उस भरोसे के साथ पूरी तरह धोखा है जो जम्मू-कश्मीर के लोगों ने भारत में जताया था जब राज्य का 1947 में इसके साथ विलय हुआ था. ये फैसले दूरगामी एवं भयंकर परिणाम देने वाले होंगे. यह राज्य के लोगों के प्रति दिखायी गयी आक्रामकता है जिसकी कल श्रीनगर में सर्वदलीय बैठक में आशंका जतायी गयी थी.’