नयी दिल्ली : कश्मीरी महिलाओं के संदर्भ में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के एक कथित बयान की निंदा करते हुए कांग्रेस ने शनिवार को खट्टर को पद से हटाने और उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की.
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने दावा किया कि यह इस बात का प्रमाण है कि आरएसएस का प्रशिक्षण एक व्यक्ति की सोच को कैसा बना देता है. दूसरी तरफ, खट्टर ने अपने कथित बयान पर सफाई देते हुए कहा कि उनकी बात का गलत मतलब निकाला गया है.
गांधी ने ट्वीट कर कहा, कश्मीरी महिलाओं के बारे में हरियाणा के मुख्यमंत्री खट्टर की टिप्पणी निंदनीय है. यह दिखाता है कि आरएसएस का वर्षों का प्रशिक्षण एक कमजोर, असुरक्षित और दयनीय व्यक्ति की सोच को कैसा बना देता है. उन्होंने कहा, महिला कोई संपत्ति नहीं है कि पुरुषों का उन पर स्वामित्व होगा. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने संवाददाताओं से कहा, हरियाणा के मुख्यमंत्री ने भाजपा की सोच को बयां किया है.
जम्मू-कश्मीर की लड़की अपनी मर्जी से शादी कहीं भी करती है, लेकिन जिस तरह से खट्टर ने कश्मीर की लड़कियों के बारे में बातें की हैं, ये बात वही कर सकता है जिसकी अपनी लड़की नहीं हो. देश के किसी भी हिस्से और किसी धर्म की बेटी हमारी बेटी है. आजाद ने कहा, भाजपा के नेता विवादित बयान देते रहते हैं, लेकिन अगर एक मुख्यमंत्री ऐसा बयान दे तो उसे एक पल भी पद पर नहीं रहना चाहिए. ऐसे मुख्यमंत्री को घर भेज देना चाहिए.
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हरियाणा के मुख्यमंत्री को पद से हटाएं। अखिल भारतीय महिला कांग्रेस की अध्यक्ष सुष्मिता देव ने खट्टर के बयान को ‘मानसिक रूप से बीमार व्यक्त का बयान’ करार देते हुए कहा कि हरियाणा के मुख्यमंत्री को पद से हटना चाहिए और उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज होनी चाहिए.
दरअसल, खट्टर ने यह कहकर विवाद खड़ा कर दिया कि अब हरियाणा के लोग कश्मीर से दुल्हन ला सकेंगे. उनका इशारा संविधान के अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को खत्मकर जम्मू-कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा वापस लिये जाने की ओर था.
खट्टर ने शुक्रवार को फतेहाबाद में एक कार्यक्रम में कहा, अगर लड़कियों की तादाद लड़कों से कम हो तो दिक्कतें हो सकती हैं. हमारे (ओ पी) धनखड़जी ने कहा था कि उन्हें (दुल्हनों को) बिहार से लाना होगा, लेकिन कुछ लोगों ने कहा, कश्मीर खुला है, लिहाजा उन्हें (दुल्हनों को) वहां से लाया जाएगा, लेकिन मजाक से हटकर, सवाल यह है कि अगर अनुपात (लिंग अनुपात) सही रहे तो समाज में संतुलन ठीक रहेगा.
गौरतलब है कि धनखड़ ने 2014 में कहा था कि अगर हरियाणा के लड़कों को राज्य में सही जोड़ीदार नहीं मिला तो वह बिहार से उनके लिये दुल्हन लेकर आएंगे. हरियाणा अपने घटते लिंग अनुपात के लिये बदनाम रहा है. बाद में मुख्यमंत्री खट्टर ने सोनीपत में एक कार्यक्रम के दौरान अपने बयान पर सफाई देते हुए कहा, बेटियां सभी की एक समान होती हैं. मेरे बयान का गलत मतलब निकाला गया है.
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