जम्मू : जम्मू-कश्मीर को इस महीने के अंत में दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांटने से पहले राज्य प्रशासन ने एक आदेश जारी कर 62 साल पुरानी राज्य विधान परिषद को भंग कर दिया है और यहां कार्यरत 116 कर्मचारियों को सामान्य विभाग में रिपोर्ट करने का निर्देश दिया है.
राज्य को आधिकारिक रूप से 31 अक्तूबर की मध्यरात्रि दो केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख और जम्मू-कश्मीर में विभाजित करने से कुछ दिन पहले बुधवार को विधान परिषद को भंग करने का आदेश जारी किया गया. जम्मू-कश्मीर विधानसभा के साथ केंद्र शासित प्रदेश होगा. राज्य सरकार के सचिव फारूक अहमद लोन की ओर से जारी आदेश में समय-समय पर विधान परिषद के लिए खरीदे गये वाहनों को निदेशक मोटर गैराज और विधान सभा परिषद की इमारत को फर्नीचर, इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों सहित निदेशक संपदा को सौंपने को कहा गया है. उल्लेखनीय है कि 36 सदस्यीय विधान परिषद 1957 में संसद के कानून के स्थापित की गयी थी. यह 87 सदस्यीय विधान सभा के ऊपरी सदन के तौर पर काम करती थी.
आदेश में कहा गया, जम्मू-कश्मीर राज्य पुनर्गठन कानून-2019 की धारा 57 के तहत परिणाम स्वरूप जम्मू-कश्मीर विधान परिषद को खत्म किया जाता है और वहां कार्यरत सभी कर्मियों को 22 अक्तूबर को सामान्य प्रशासन विभाग से संपर्क करने का आदेश दिया जाता है. आदेश में आगे कहा गया कि विधानसभा परिषद सचिवालय के विधायी सबंधी सभी दस्तावेजों को सचिव विधि एंव न्याय विभाग और संसदीय मामलों को स्थानांतरित किया जाये. गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने पांच अगस्त को जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को निष्क्रिय कर दिया था.
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