हैदराबाद : उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने गुरुवार को सभी राजनीतिक दलों से लोकसभा एवं राज्य विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराने के विकल्प पर विचार करने और सहमति बनाने की अपील की.
नायडू ने यहां ‘इंडियन डेमोक्रेसी एट वर्क- मनी पावर इन पॉलिटिक्स’ सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए कहा, मैं राजनीतिक पार्टियों से आह्वान करता हूं कि वे गंभीरता से एक साथ चुनाव कराने के विकल्प पर विचार करें और आम सहमति बनायें. इस सम्मेलन का आयोजन इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस में किया गया है. उन्होंने कहा कि एक साथ चुनाव कराने से निर्वाचन आयोग को चुनाव कराने में खर्च होने वाली राशि में कमी लाने में मदद मिलेगी और इससे लोगों एवं दलों का लगातार ध्यान भटकाने से रोका जा सकेगा. नायडू ने कहा, सरकारी अधिकारियों की भी जिम्मेदारी होती है जो शासन की सेवाएं मुहैया कराने की मूल जिम्मेदारी और लगातार चुनाव की वजह से वितरण प्रणाली में सुधार से इतर है.
राजनीतिक पार्टियों द्वारा वित्तीय स्थिति का आकलन किये बिना लोकलुभावन वादे करने पर चिंता जताते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि इससे निपटने के लिए एफआरबीएम अधिनियम जैसे कानून बनाये जा सकते हैं. उन्होंने कहा, हम यह कानून बना सकते हैं कि कोई भी वादा करने से पहले पर्याप्त राशि हो. क्या हम एफआरबीएम (वित्तीय जवाबदेही और बजट प्रबंधन) जैसे कानून बनाने पर विचार कर सकते हैं? क्या हम ऐसा राज्यों के लिए कुछ कर सकते हैं? उल्लेखनीय है कि इस दो दिवसीय सम्मेलन का आयोजन फाउंडेशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स, इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस, हैदराबाद विश्वविद्यालय ने मिलकर किया है.
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