JNU के छात्रों को बड़ी राहत, UGC भरेगा बढ़ी हुई फीस

नयी दिल्ली : केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालयके सचिव अमित खरे ने कहा कि जेएनयू के छात्रों से बढ़ी हुई फीस के अलावा फिलहाल हॉस्टल के चार्जेज नहीं लिये जायेंगे.... उन्होंने कहा कि शुक्रवार को जेएनयू के कुलपति और छात्रसंघ के नेताओं के साथ अलग-अलग हुईं बैठकों के दौरान निर्णय लिया गया कि फिलहाल जेएनयू […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 10, 2020 9:49 PM
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नयी दिल्ली : केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालयके सचिव अमित खरे ने कहा कि जेएनयू के छात्रों से बढ़ी हुई फीस के अलावा फिलहाल हॉस्टल के चार्जेज नहीं लिये जायेंगे.

उन्होंने कहा कि शुक्रवार को जेएनयू के कुलपति और छात्रसंघ के नेताओं के साथ अलग-अलग हुईं बैठकों के दौरान निर्णय लिया गया कि फिलहाल जेएनयू में बढ़ी हुई फीस नहीं वसूली जायेगी. बढ़ी हुई फीस का भुगतान विश्वविद्यालय अनुदान आयोग करेगा. अमित खरे ने बताया कि उन्होंने राष्ट्रीय विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के चेयरमैन डॉ डीपी सिंह से इस संबंध में मुलाकात की और बढ़ी हुई फीस तथा हॉस्टल चार्जेज का भार यूजीसी से वहन करने का आग्रह किया. मंत्रालय के इस आग्रह को यूजीसी ने स्वीकार कर लिया है. सचिव ने कहा कि उन्होंने शुक्रवार को यहां मंत्रालय में आयी जेएनयू छात्रसंघ की अध्यक्ष आइशी घोष और अन्य छात्रों को यह जानकारी दे दी है. उन्होंने कहा कि छात्रों से हड़ताल समाप्त कर कक्षाओं में लौटने का आग्रह किया है.

गौरतलब है कि जेएनयू के कुलपति एम जगदीश कुमार, जेएनयू के रजिस्ट्रार और रेक्टर खरे से मिलने शुक्रवार को एचआरडी मंत्रालय पहुंचेथे. मंत्रालय से निकलने के बाद कुलपति ने कहा कि छात्रावास शुल्क से संबंधित एचआरडी मंत्रालय की तरफ से लिये गये सभी फैसलों को पूरी तरह से लागू किया जा रहा है और विश्वविद्यालय में 13 जनवरी से नियमित कक्षाएं शुरू होंगी.

मानव संसाधन विकास मंत्रालय और विश्वविद्यालय प्रशासन की पांच सदस्यीय टीम के साथ बैठक के बाद उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन जरूरत पड़ने पर एक बार फिर सेमेस्टर पंजीकरण प्रक्रिया की अंतिम तिथि को आगे बढ़ा सकता है. इस टीम में कुमार के साथ ही जेएनयू के रजिस्ट्रार और तीन रेक्टर भी शामिल थे. यह आपात बैठक परिसर में स्थिति पर चर्चा और छात्रों व विश्वविद्यालय प्रशासन के बीच जारी गतिरोध के समाधान के लिए बुलायी गयी थी. कुमार ने यह भी कहा कि उन्होंने मंत्रालय को बताया है कि विश्वविद्यालय ने पहले ही यूजीसी को उपादेयता और सेवा शुल्क पूरा करने के लिए लिखा है.

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