नयी दिल्ली : जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के विद्यार्थियों एवं शिक्षकों ने सोमवार को फीस वृद्धि के मुद्दे पर प्रशासन के साथ टकराव के बीच कक्षाओं का बहिष्कार किया. कक्षाएं सोमवार को शुरू होने वाली थीं, लेकिन सामूहिक बहिष्कार के कारण शुरू नहीं हो पायीं.
छात्र संघ ने कहा था कि वह हॉस्टल की बढ़ी हुई फीस का नहीं बल्कि, ट्यूशन फीस का ही भुगतान करके पंजीकरण सुनिश्चित करेगा, लेकिन जब उसने देखा कि प्रशासन ने कई विद्यार्थियों के लिए पंजीकरण पोर्टल बंद कर दिया है तो उन्होंने अपना फैसला स्थगित कर दिया. शिक्षक संघ ने भी फीस वृद्धि और पांच जनवरी की हिंसा समेत कई मुद्दों पर अकादमिक विषयों में असहयोग का आह्वान किया है. शिक्षक और विद्यार्थी कुलपति एम जगदीश कुमार को बर्खास्त करने की मांग कर रहे हैं.
इस बीच, जेएनयू प्रशासन ने शिक्षकों को एक परामर्श जारी कर छात्रों के हित में कक्षाएं बहाल करने को कहा. विश्वविद्यालय ने कहा कि यह परामर्श जेएनयू शिक्षक संघ के दो पदाधिकारियों के असहयोग योजना की घोषणा के बाद जारी किया गया. विश्वविद्यालय ने परामर्श में आरोप लगाया, असहयोग योजना की घोषणा ना केवल प्रशासन के परिसर में सामान्य स्थिति तथा शैक्षणिक गतिविधियों को बहाल करने के प्रयास के खिलाफ है, बल्कि विश्वविद्यालय की सामान्य कामकाज को बाधित करने की जेएनयू शिक्षक संघ की मंशा को भी दर्शाता है.
उसने कहा कि हजारों छात्र 2020 शीतकालीन सेमेस्टर के लिए पंजीकरण करा चुके हैं और अन्य पंजीकरण करा रहे हैं. परामर्श में कहा, सभी संकाय सदस्यों को छात्र समुदाय के हित में कक्षाएं और अन्य शैक्षणिक गतिविधियां बहाल करने का सुझाव दिया जाता है. जेएनयू छात्र संघ के पदाधिकारियों के अनुसार, असहयोग कार्य योजना पर जेएनयू छात्र संघ जीबीएम के संकल्प का तात्पर्य है कि हम 10 जनवरी, 2020 को जारी किये गये दो परिपत्रों का अनुपालन करने से इनकार करते हैं, जिसमें शिक्षकों को पंजीकरण के लिए अपने कार्यालयों में उपस्थित होने और 13 जनवरी 2020 से कक्षाएं और अन्य प्रासंगिक शैक्षणिक गतिविधियां शुरू करने तथा उसी के लिए टाइम-टेबल अपलोड करने के लिए कहा गया है. जेएनयू छात्र संघ ने सभी सहकर्मियों से आमसभा के सभी निर्णय मानने की अपील की है.
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