बर्फबारी की वजह से हालात ऐसे थे कि शमीमा को एंबुलेंस से अस्पताल तक लाना मुमकिन नहीं था. ऐसी स्थिति में उसे सकुशल अस्पताल तक पहुंचाने का बीड़ा स्थानीय लोगों और सेना के जवानों ने उठाया.
चार घंटे तक पैदल चल पहुंचाया अस्पताल
शमीमा को अस्पताल पहुंचाने के लिए एक स्ट्रेचर मंगवाया गया और इसके बाद 30की संख्या में स्थानी य नागरिक और तकरीबन 100 सैन्यकर्मियों ने 4 घंटे लगातार पैदल चलकर शमीमा को अस्पताल पहुंचाया. अस्पताल में शमीमा को बच्चा हुआ. डॉक्टरों का कहना है कि शमीमा और उसका बच्चा अब पूरी तरह सुरक्षित है.
पीएम मोदी ने भी की जवानों की सराहना
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जब इस घटना का पता चला तो उन्होंने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से ट्वीट कर सेना और स्थानीय लोगों के इस प्रयास की भूरी-भूरी प्रशंसा की. पीएम मोदी ने लिखा कि हमारी सेना ना केवल अपनी वीरता के लिए जानी जाती है बल्कि अपने प्रोफेशनल रवैये की वजह से भी लोकप्रिय है. उन्होंने आगे लिखा कि, जब भी लोगों को मदद की जरूरत पड़ती है, हमारी सेना ने मौके पर पहुंचकर उनकी सहायता का हर संभव प्रयास किया है.
उन्होंने लिखा कि मुझे हमारी सेना पर गर्व है. पीएम मोदी ने आखिर में लिखा कि मैं शमीमा और उनके बच्चे की अच्छे स्वास्थ्य की कामना करता हूं.