जेपी नड्डा का आरोप : गांधी, नेहरू और मनमोहन ने पड़ोस के उत्पीड़ित अल्पसंख्यकों की मदद का किया था समर्थन

नयी दिल्ली : भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने शनिवार को विपक्ष पर संशोधित नागरिक कानून (सीएए) के मुद्दे पर लोगों को भ्रमित करने का आरोप लगाया. उन्होंने याद दिलाया कि महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू और मनमोहन सिंह ने पड़ोसी देशों में उत्पीड़न के शिकार धार्मिक अल्पसंख्यकों की मदद के विचार का समर्थन किया […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 18, 2020 9:15 PM
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नयी दिल्ली : भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने शनिवार को विपक्ष पर संशोधित नागरिक कानून (सीएए) के मुद्दे पर लोगों को भ्रमित करने का आरोप लगाया. उन्होंने याद दिलाया कि महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू और मनमोहन सिंह ने पड़ोसी देशों में उत्पीड़न के शिकार धार्मिक अल्पसंख्यकों की मदद के विचार का समर्थन किया था.

भाजपा मुख्यालय में पाकिस्तान से आये अल्पसंख्यक शरणार्थियों को संबोधित करते हुए नड्डा ने कहा कि विपक्ष यह कहकर लोगों को भ्रमित कर रहा है कि इस कानून के बाद करोड़ों शरणार्थी देश में दाखिल होंगे और उन्हें संभालना मुश्किल होगा. उन्होंने कहा कि यह कानून उन लोगों के लिए है, जो 31 दिसंबर 2014 तक भारत में आए हैं.

नड्डा ने कहा कि लोगों को यह कहकर भी भ्रमित किया गया कि सीएए के लागू के बाद वे अपनी नागरिकता खो देंगे. उन्होंने कहा कि कानून नागरिकता देता है न कि छीनता है. जब मोदी सरकार ने शरणार्थियों को नागरिकता देने वाले संशोधित नागरिकता कानून को लागू किया, तो विपक्ष ने वोट बैंक की राजनीति के लिए लोगों को भ्रमित करना शुरू कर दिया.

भाजपा ने कहा कि भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू और महात्मा गांधी ने 1947 में पाकिस्तान में उत्पीड़न के शिकार अल्पसंख्यकों की मदद के विचार का समर्थन किया था. उन्होंने कहा कि वर्ष 1948 में नेहरू ने कहा कि राहत कोष से पाकिस्तान में उत्पीड़ित लोगों की मदद की जानी चाहिए.

नड्डा ने कहा कि कांग्रेस नेता मनमोहन सिंह ने दिसंबर, 2003 में तत्कालीन गृहमंत्री लाल कृष्ण आडवाणी से राज्यसभा में बांग्लादेश में उत्पीड़ित अल्पसंख्यकों के लिए कुछ करने को कहा था. उन्होंने कहा कि अब मोदी जी ने यह किया (सीएए लागू किया), तो वे (विरोध कर)राजनीतिक फायदा लेने की कोशिश कर रहे हैं.

नड्डा ने लोगों से कहा कि भाजपा शुरू से ही नागरिकता कानून में संशोधन चाहती थी और इस मुद्दे को उसके घोषणापत्र में भी जगह दी गयी थी. उन्होंने कहा कि देश के लोगों ने हमें ताकत दी है, हमारे सांसदों को चुना है, जिन्होंने कानून बनाया है.

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