दोषियों को फांसी देने में देरी को लेकर निर्भया की मां ने अदालत के बाहर विरोध जताया

नयी दिल्‍ली :निर्भया की मां ने अपनी बेटी के सामूहिक बलात्कार एवं हत्या मामले में चार दोषियों को फांसी पर लटकाये जाने में देरी किये जाने को लेकर यहां एक निचली अदालत परिसर के बाहर बुधवार को विरोध प्रदर्शन किया.... निर्भया की मां कोर्ट में दोषियों को डेथ वॉरंट जारी करने की मांग करते हुए […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 12, 2020 3:55 PM
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नयी दिल्‍ली :निर्भया की मां ने अपनी बेटी के सामूहिक बलात्कार एवं हत्या मामले में चार दोषियों को फांसी पर लटकाये जाने में देरी किये जाने को लेकर यहां एक निचली अदालत परिसर के बाहर बुधवार को विरोध प्रदर्शन किया.

निर्भया की मां कोर्ट में दोषियों को डेथ वॉरंट जारी करने की मांग करते हुए रो पड़ी. उन्‍होंने कहा, वो पिछले 7 सालों से न्‍याय के लिए भटक रही हैं. उन्‍होंने जज से कहा, मैं हाथ जोड़कर मांग कर रही हूं कि दोषियों के खिलाफ फिर से डेथ वॉरंट जारी किया जाए. दोषियों की फांसी में हो रही देरी को देखकर निर्भया की मां रोते हुए कोर्ट से बाहर निकलीं. उन्होंने कहा- अब मैं विश्वास और उम्मीद खो रही हूं. कोर्ट को दोषियों की देरी करने की चाल को समझना चाहिए. अगर अपराधी पवन को नया वकील दिया जाता है, तो वह केस फाइल को देखने के लिए अपना समय लेगा.

दिल्ली की एक अदालत ने निर्भया सामूहिक बलात्कार एवं हत्या मामले में मौत की सजा का इंतजार कर रहे चार दोषियों में से एक पवन गुप्ता को एक वकील उपलब्ध कराने की पेशकश की.

अदालत ने कहा कि कोई भी दोषी अपनी अंतिम सांस तक कानूनी सहायता पाने का हकदार है. अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेंद्र राणा ने पवन की ओर से विलंब करने पर नाराजगी जताई जिसने कहा कि उसने अपने पहले वाले वकील को हटा दिया है और नया वकील करने के लिए उसे समय चाहिए. जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (डीएलएसए) ने पवन के पिता को वकील चुनने के लिए अपने पैनल में शामिल अधिवक्ताओं की एक सूची उपलब्ध कराई.

निर्भया के माता-पिता और दिल्ली सरकार ने मंगलवार को अदालत का रूख कर दोषियों के खिलाफ नया मृत्यु वारंट जारी करने का अनुरोध किया था. पवन गुप्ता (25), विनय कुमार शर्मा (26), अक्षय कुमार (31) और मुकेश कुमार सिंह (32) को एक फरवरी को सुबह छह बजे फांसी दी जानी थी. दूसरी बार मृत्यु वारंट पर तामील टाली गई थी.

पहली बार चारों दोषियों को 22 जनवरी को फांसी देने का मृत्यु वारंट जारी किया गया था. इस पर 17 जनवरी को स्थगन दिया गया था. उसी दिन फिर उन्हें एक फरवरी को फांसी देने के लिए दूसरा वारंट जारी किया गया जिस पर अदालत ने 31 जनवरी को अगले आदेश तक रोक लगा दी थी.

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