नयी दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज बिजली और कोयला कोयला मंत्री पीयूष गोयल के साथ बैठक कर बिजली क्षेत्र की अडचनों पर विचार विमर्श किया. इस बैठक में वित्त मंत्री अरुण जेटली भी उपस्थित थे.
उन्होंने कोयला ब्लॉक आवंटन पर उच्चतम न्यायालय के फैसले से बिजली क्षेत्र पर पडने वाले प्रभाव पर भी चर्चा की. शीर्ष अदालत ने आज व्यवस्था दी कि 1993 से 2010 के दौरान हुए सभी कोयला ब्लाक आवंटन गैरकानूनी तरीके से किए गये थे. बैठक से पहले गोयल ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री चाहते हैं कि जो भी मुद्दे जरुरी हैं और जिन्हें प्राथमिकता देने की जरुरत है, उनको जल्द निपटाया जाए.’’
इस बीच, समझा जाता है कि गोयल ने प्रधानमंत्री को अपने पिछले तीन महीने के कामकाज से अवगत कराया. इनमें बिजली क्षेत्र के रिण लेने वालों तथा बैंकों के बीच विवाद के मुद्दे का निपटान शामिल है. बैंकर्स समय-समय पर नियामकीय मंजूरियों में देरी का मुद्दा उठाते रहे हैं. इसकी वजह से बैंक व अन्य वित्तीय संस्थान इस क्षेत्र में निवेश से हिचकिचाते हैं.
कोयला ब्लाक आवंटन पर उच्चतम न्यायालय के फैसले पर गोयल ने कहा, ‘‘इससे एक विवाद अपने अंजाम तक पहुंच गया है जो कई बरसों से अटका हुआ था. अब अर्थव्यवस्था अनिश्चितता से उबर सकेगी और तेजी से आगे बढ सकेगी.’’
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