ऊंकार स्वरूप श्री गणेशजी की महिमा

।। डॉ एनके बेरा ।। ऊंकारमाघं प्रवदंति संतो वाच: श्रुतीनामपि यं गृणन्ति। गजाननं देवगणानताङ्फघ्निं भजेअहम धर्मेन्दुकृतावंत सम्।। संत-महात्मा जिन्हें आदि ऊंकार बताते हैं, श्रुतियों की वाणियां भी जिनका स्तवन करती है, समस्त देव समुदाय जिनके चरणारविंदों में प्रणत होता है तथा अर्धचंद्र जिनके भालदेश का आभूषण है, उस भगवान गजानन का मैं भजन करता हूं. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 29, 2014 10:51 AM
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