नयी दिल्ली: लद्दाख के चुमार सेक्टर में बीते दिनों हुई चीनी घुसपैठ के बाद हालात पर चर्चा के लिए भारत और चीन एक तरफ फ्लैग मीटिंग कर रहे थे तो, खबरों के मुताबिक, दूसरी तरफ चीन की थलसेना ने चुमार इलाके में फिर से घुसपैठ की.राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने प्रधानमंत्री को घुसपैठ की जानकारी दी.
सूत्रों के हवाले से खबर है कि लगभग एक हजार चीनी सैनिकों ने लद्दाख के चुमार सेक्टर में घुसपैठ की है. चीन सेना की तीन बटालियन को भारतीय सीमा में घुसपैठ के लिए भेजा है. बताया जा रहा है कि चीनी सेना भारतीय सीमा पर कई किलोमीटर अंदर घुस आये हैं. सीमा के पास चल रहे मनरेगा के तहत काम को भी बंद करा दिया गया. इधर चीनी सेना के घुसपैठ के बाद भारत के सुरक्षा सलाहाकार ने बैठक की. एक ओर चीनी राष्ट्रपति भारत दौरे पर हैं तो दूसरी ओर चीन सेना भारतीय सीमा पर लगातार घुसपैठ कर रही है.
आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि कुछ चीनी सैनिक कल लौट गए थे और आमतौर पर यह संभावना थी कि बाकी सैनिक भी वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) की दूसरी तरफ वापस चले जाएंगे. बहरहाल, सूत्रों ने कहा कि चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के करीब 100 जवान चुमार इलाके में आए और अपनी संख्या बढाकर करीब 350 कर ली.
हैरत की बात यह है कि चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के भारत आगमन से कुछ घंटे पहले चीनी सैनिकों ने यह हरकत की. सूत्रों ने बताया कि भारत ने भी इलाके में कुछ और सैनिक रवाना कर दिए हैं और दोनों पक्ष बैनर-ड्रिल में लगे हुए हैं. इस बीच, भारत और चीन ने लद्दाख के चुमार सेक्टर की स्थिति पर चर्चा करने के लिए आज फ्लैग मीटिंग की. चुमार सेक्टर में दोनों देशों के सैनिक एक दूसरे के आमने-सामने हैं.
सेना के सूत्रों ने बताया कि चुसुल में सैन्य प्रहरी भेंट स्थल पर ब्रिगेडियर स्तर की फ्लैग मीटिंग हुई जहां डेमचक इलाके में चीनी नागरिकों द्वारा अतिक्रमण के मुद्दे पर भी चर्चा हुई. सूत्रों ने कहा कि ऐसा समझा जाता है कि फ्लैग मीटिंग में कोई नतीजा नहीं निकला और दोनों पक्ष जल्द ही फिर से बैठक कर सकते हैं.
लेह के पूर्वोत्तर में 300 से ज्यादा किलोमीटर की दूरी पर स्थित चुमार में दोनों देशों के बीच अक्सर टकराव की स्थिति बनती रही है. उस इलाके में भारत के वर्चस्व को खत्म करने के लिए चीन ने कई दफा कोशिशें की है. सूत्रों ने कहा कि चीन की तरफ वाहनों की आवाजाही देखी गई और ऐसा माना जा रहा है कि चीन की पीएलए अपनी तरफ किए जा रहे निर्माण कार्य से भारत का ध्यान भटकाने की खातिर यह चाल चल रही है.
दोनों देशों के बीच हुए समझौते के तहत रक्षा निर्माण का काम कर रहे किसी भी देश को दूसरे पक्ष को इसकी जानकारी देनी होगी. इस बीच, डेमचक में टकराव के हालात बने हुए हैं. देमचौक में चीनी खानाबदोश जनजाति रेबोस ने अपने तंबू गाड दिए थे. इस इलाके में भारतीय सीमा के 500 मीटर भीतर तक घुसपैठ की गई है. यह जानकारी सूत्रों ने दी.
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