तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता को आज कोर्ट ने आय से अधिक संपत्ति के मामले में दोषी करार दिया है. आज उन्हें सजा भी सुना दी जायेगी. कोर्ट के इस निर्णय से तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जे जयललिता के राजनीतिक कैरियर पर ग्रहण लग जायेगा.
गौरतलब है कि सर्वोच्च न्यायालय ने यह व्यवस्था दी है कि कोई भी दागी व्यक्ति जनप्रतिनिधि नहीं हो सकता है. कहने का आशय यह है कि ऐसा कोई व्यक्ति जिसे कोर्ट ने किसी आपराधिक मामले में दोषी करार दिया हो और उसे सजा सुना दी हो, वह व्यक्ति सांसद या विधायक नहीं हो सकता है और उसे मंत्री पद भी नहीं दिया जा सकता है. भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने यह फैसला 10 जुलाई 2013 को सुनाया था.
कोर्ट के इस फैसले के बाद वर्ष 2013 में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव को सांसद पद अयोग्य घोषित कर दिया गया था. उन्हें चारा घोटाला मामले में सीबीआई की विशेष कोर्ट ने पांच साल की सजा सुनायी थी. कांग्रेस के राज्यसभा सांसद रशिद मसूद को भी सजा सुनाये जाने के बाद अयोग्य घोषित कर दिया गया था, उन्हें मेडिकल भरती घोटाला मामले में कोर्ट ने चार साल की सजा सुनायी थी.
रशिद मसूद भारत में ऐसे पहले सांसद हैं, जिनकी संसद सदस्यता दागी करार दिये जाने के बाद रद्द कर दी गयी. राजद के जहांनाबाद से सांसद जगदीश शर्मा को भी चारा घोटाला मामले में चार साल की सजा सुनायी गयी थी, जिसके बाद उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया गया था.
शिवसेना के विधायक बबनराव घोलप को आय से अधिक संपत्ति के मामले में तीन साल की सजा सुनायी गयी है, हालांकि अभी तक उनकी सदस्यता पर फैसला नहीं हुआ है.यह मामला इसी वर्ष का है. इस वर्ष डीएमके के राज्यसभा सांसद टीएम सेलवेगनपति को भी दो वर्ष की सजा सुनायी गयी थी, लेकिन सदस्यता रद्द होने से पहले ही उन्होंने इस्तीफा दे दिया. अब तक कुल मिलाकर पांच लोगों की सदस्यता दागी करार दिये जाने के बाद समाप्त हो चुकी है.
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