संघ ने हिट कराया मोदी का मिशन अमेरिका

नयी दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा में उनका अभूतपूर्व स्वागत हुआ. अमेरिका में बसे भारतीय समुदाय को आकर्षित करने में उन्होंने अपने सभी पूर्ववर्तियों यहां तक की अपनी ही पार्टी के अति लोकप्रिय नेता व तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को भी पीछे छोड दिया. वाजपेयी ने 2000 में प्रधानमंत्री के रूप में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 3, 2014 9:57 AM
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नयी दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा में उनका अभूतपूर्व स्वागत हुआ. अमेरिका में बसे भारतीय समुदाय को आकर्षित करने में उन्होंने अपने सभी पूर्ववर्तियों यहां तक की अपनी ही पार्टी के अति लोकप्रिय नेता व तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को भी पीछे छोड दिया. वाजपेयी ने 2000 में प्रधानमंत्री के रूप में अमेरिका का दौरा किया था. संघ के कुछ पुराने नेताओं व स्वयंसेवकों ने लगभग तीन महीने पहलेसे ही यूएनओ की प्रस्तावित 69वीं बैठक व उसमें पीएम मोदी के शामिल होनेके मद्देनजर तैयारियां आरंभ कर दी थी.

दिल्ली में कार्यक्रम का संयोजन करने का जिम्मा केंद्रीय उर्जा मंत्री पीयूष गोयल और प्रधानमंत्री कार्यालय के अधिकारी हीरने जोशी को सौंपा गया था. जबकि अमेरिका में संघ के पुराने स्वयंसेवक व इंडियन अमेरिकन कम्युनिटी फाउंडेशन के प्रमुख भरत बरई को इस काम का जिम्मा सौंपा गया. बरई के संघ के पूर्व प्रमुख केसी सुर्शन व वाजपेयी समेत कई बडे नेताओं से रिश्‍ते हैं. संघ व भाजपा के नेता अकसर अमेरिका दौरे पर उनके घर जाते हैं और कई बार उन्हीं के यहां ठहरते भी हैं. अमेरिका के शिकागो में बसे भरत बरई भारतीय-अमेरिकी समुदाय के प्रमुख फंड मैनेजेरों में शामिल हैं. वे अमेरिका में कई अहम पदों की भी जिम्मेवारी संभाल रहे हैं.

वे वहां स्टेट ऑफ इंडिया के मेडिकल लायसेसिंग बोर्ड के अध्यक्ष भी हैं. वे अन्कोलॉजी इंस्टिटयूट के निदेशक भी हैं. जब मोदी 1993 में अमेरिका दौरे पर गये थे, तब भी वे बरई के घर पर ही ठहरे थे. बरई के अलावा संघ के अमेरिका में बसे एक अन्य बुजुर्ग स्वयंसेवक महेष मेहता का भी अमेरिका में मोदी की यात्रा को सफल बनाने में योगदान है.

वे अमेरिका में सितंबर 2013 में स्थापित ग्लोबल इंडियंस फॉर भारत विकास केप्रमुख हैं. उम्र में मोदी से 15 साल बडे मेहता का मोदी के सार्वजनिक जीवन में भी काफी महत्व है. गुजरात की एक ही शाखा में दोनों स्वयंसेवक थे. मोदी से वरिष्ठ स्वयंसेवक होने के कारण मेहता ने हमेशा उनका मार्गदर्शन किया. संघ व भाजपा के बीच भी कई मुश्‍किल मौकों पर उन्होंने मोदी का समर्थन किया. उन्होंने अमेरिका में संघ के स्वयंसेवकों को जोडा है. उनके निर्देष पर बडी संख्या में स्वयंसेवक लोकसभा चुनाव में भारत मोदी के लिए प्रचार करने आये थे.

संघ के प्रवक्ता रहे और अब भाजपा के महासचिव राम माधव को भी मोदी के अमेरिका यात्रा की जिम्मेवारी दी गयी थी. वे जुलाई में अमेरिका भी गये थे और वहां इस कार्यक्रम की तैयारी से लगे महत्वपूर्ण लोगों के साथ बैठक भी की थी. दरअसल, संघ व भाजपा ने बेहद सुनियोजित तरीके से मोदी की अमेरिका यात्रा को हिट कराने का कार्यक्रम तैयार किया था.

एक तो यूएनओ की बैठक होने के कारण दुनिया भर के राष्ट्र प्रमुख वहां पहुंचे थे, जिनका ध्यान उभरते भारत व मोदी की ओर खींचना था , उस पर मोदी को दुनिया के सबसे संपन्न व ताकतवर देश अमेरिका के राष्ट्रपति के साथ भी बैठक करनी थी. ऐसे में संघ-भाजपा की कोशिश थी कि इसके बहाने उनका जोरदार स्वागत कर व लोगों की भीड जुटा कर उन्हें विश्‍व नेता के तौर पर स्थापित किया. निःसंदेह संघ-भाजपा इसमें बहुत हद तक सफल रहा.

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