PM मोदी ने कहा, शिशु और मातृ मृत्‍यु दर आज भी चिंता का विषय

मुंबई : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमारे देश में नवजात शिशुओं की मृत्‍यु चिंता का विषय है. उन्‍होंने कहा कि उनकी सरकार स्वास्थ्य सेवा को सबसे गरीब व्यक्ति तक पहुंचाने के लिए अपने ‘मेक इन इंडिया’ और ‘डिजिटल इंडिया’ अभियानों का इस्तेमाल प्रभावी तरीके से करना चाहती है. मोदी ने सफाई और स्वच्छता […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 25, 2014 9:44 PM
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मुंबई : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमारे देश में नवजात शिशुओं की मृत्‍यु चिंता का विषय है. उन्‍होंने कहा कि उनकी सरकार स्वास्थ्य सेवा को सबसे गरीब व्यक्ति तक पहुंचाने के लिए अपने ‘मेक इन इंडिया’ और ‘डिजिटल इंडिया’ अभियानों का इस्तेमाल प्रभावी तरीके से करना चाहती है. मोदी ने सफाई और स्वच्छता पर जोर देते हुए कहा कि एहतियाती देखभाल समग्र स्वास्थ्य सेवा का एक महत्वपूर्ण घटक है और साथ ही यह बहुत सस्ती है.

उन्होंने कहा, अपने देश की स्वास्थ्य देखभाल सुविधाओं की तुलना विदेश में उपलब्ध सेवाओं से करना शर्मिंदगी वाला होगा. नवजात शिशुओं की मृत्यु बेहद चिंता का विषय है. साथ ही मातृ मृत्यु दर भी. उन्होंने नवीनीकृत और आंशिक तौर पर नवनिर्मित एच एन रिलायंस फाउंडेशन अस्पताल का उद्घाटन करने के बाद कहा, जब कोई बच्चा बोरवेल में गिर जाता है, परिवार टेलीविजन के सामने बैठ जाते हैं और मीडिया आखों देखा हाल बताता है जबकि सभी जगह निराशा का महौल होता है लेकिन हमें शायद ही पता हो कि सैकडों बच्चे जन्म लेने के कुछ ही समय बाद दम तोड देते हैं. कई बार मां और बच्चे दोनों की मौत प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा नहीं मिलने के चलते हो जाती है.

इस कार्यक्रम में रिलायंस इंडस्टरीज के अध्यक्ष मुकेश अंबानी, उनकी पत्नी एवं रिलायंस फाउंडेशन की अध्यक्ष नीता अंबानी, बॉलीवुड अभिनेता अमिताभ बच्चन, सचिन तेंदुलकर और सुनील गावस्कर शामिल थे. मोदी ने कहा आज जब एक अच्छी खासी सीमा तक चिकित्सकों की विशेषज्ञता की जगह नैदानिक मशीनों ने ले ली है, मैं चाहता हूं कि कंपनियां भारत में आयें और इलाज के लिए जरुरी कीमती मशीनों का निर्माण करें. मैं चाहता हूं कि प्रत्यक्ष विदेशी निवेश इस क्षेत्र में आये.

उन्होंने कहा, यदि ऐसे अस्पताल सुदूर चिकित्सा के जरिये चिकित्सकीय सलाह मुहैया कराने वाले नेटवर्क का हिस्सा हों, तो गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा दूरदराज के क्षेत्रों में रहने वाले लोगों तक पहुंचायी जा सकती है. इसके लिए डिजिटल इंडिया की मदद फायदेमंद होगी. उन्होंने कहा, ऐहतियाती देखभाल स्वस्थ सेवा का महत्वपूर्ण तत्व है. बीमारी का उपचार खर्चीला होता है. स्वस्थ रहना खर्चीला नहीं हैं. अगर आप साफ पानी पीते हैं, आप कई बीमारियों से बचेंगे.

मोदी ने गुजरात का मुख्यमंत्री रहते हुए साबरमती के रिवरफ्रंट को विकसित करने के प्रयास को याद किया और कहा कि इससे अहमदाबाद शहर में स्वच्छ पानी की समस्या का सामना करना में मदद मिली. उन्होंने कहा, पानी के स्तर में सुधार हुआ और लोगों को पेयजल मिलना शुरु हो गया. इससे पहले, शहर के गरीब लोग पेयजल की खराब गुणवत्ता के कारण अस्पताल जाते थे, लेकिन अब पिछले 10 साल में अहमदाबाद में कोई महामारी नहीं आयी है.

एक सर्वेक्षण का हवाला देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि पाकिस्तान में 40 फीसदी बच्चों की असमय मृत्यु सिर्फ इसलिए होती है कि वे खाने से पहले अपने हाथ नहीं धोते हैं. उन्होंने कहा, हम कोई अलग नहीं हैं, हम समान विरासत को साझा करते हैं. उन्होंने मध्य प्रदेश सरकार की उस पहल की सराहना की जिसमें लाखों स्कूली छात्रों ने ग्लोबल हैंडवाशिंगट डे के दिन सामूहिक रुप से अपने हाथ धोकर एक विश्व रिकार्ड रचा.

मोदी ने कहा कि देश के लिए समय आ गया है कि वह अब यहां से शुरुआत करें. संयुक्त राष्ट्र महासभा में दिए अपने संबोधन का उल्लेख करते हुए मोदी ने कहा कि समग्र स्वास्थ्य सेवा मौजूदा समय की जरुरत है. मोदी ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाए जाने की जोरदार पैरवी की थी. उन्होंने कहा, आज अवसादग्रत जीवन को अवसादमुक्त जीवन में बदलने के लिए समग्र स्वास्थ्य सेवा के अनुकूल माहौल है. यह अपने जीवन का सम्मान करने की शुरुआत का समय है.

प्रधानमंत्री ने कहा कि प्राचीन काल में भारत ने विज्ञान के क्षेत्र में नई उपलब्धियां हासिल की थीं. उन्होंने कहा, महाभारत में कहा गया है कि कर्ण का जन्म उनकी मां के गर्भ से नहीं हुआ. इसका अर्थ है कि उस दौरान लोग अनुवांशिकी विज्ञान के बारे में जानते थे. उस वक्त प्लास्टिक सर्जन भी रहे होंगे जिन्होंने गणेशजी को हाथी का सिर लगाया. उन्होंने कहा कि गणितज्ञ आर्यभट्ट ने सदियों पहले जो बातें कही थीं, दुनिया उन्हें आज मान रही है.

मोदी ने कहा कि जैसा कि रिलायंस फाउंडेशन द्वारा 98 साल पुराने अस्पताल का ‘कायाकल्प’ किया गया है, वैसे ही राष्ट्र का ‘नवीनीकरण और कायाकल्प’ संभव है. उन्होंने कहा, एक सच्चा नेता गरीबों के आंसू पोंछने की मंशा से काम करता है. प्रधानमंत्री ने कहा कि अच्छी सेहत सुनिश्चित करने का रास्ता स्वास्थ्य बीमा के मुकाबले बहुत कठिन है लेकिन इसे हासिल किया जा सकता है.

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