केंद्र सरकार ने कल उच्चतम न्यायालय को बताया था कि राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने राष्ट्रीय राजधानी में सरकार बनाने के लिए भाजपा को आमंत्रित करने के दिल्ली के उप राज्यपाल के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. सूत्रों ने बताया कि जंग की राजनाथ सिंह के साथ यह मुलाकात करीब आधे घंटे चली. सरकार गठन प्रक्रिया में विलंब के लिए केंद्र और उप राज्यपाल की खिंचाई करते हुए शीर्ष अदालत ने कल कहा था कि लोकतंत्र में राष्ट्रपति शासन हमेशा जारी नहीं रह सकता है और सवाल किया कि प्रशासन इस दिशा में तेजी से काम करने में क्यों विफल रहा.
दिल्ली की 70 सदस्यीय विधानसभा के लिए पिछले साल दिसंबर में हुये चुनाव में भाजपा 31 सदस्यों के साथ सबसे बडे दल के रुप में उभरी थी और उसे अकाली दल के एक सदस्य का समर्थन प्राप्त था। लेकिन लोकसभा चुनाव के बाद उसकी संख्या घटकर 28 रह गयी क्योंकि उसके तीन विधायक डा हर्षवर्धन, रमेश बिधूडी और परवेश वर्मा लोकसभा चुनाव जीत गये थे. तब बहुमत से चार सीटें कम होने के कारण भाजपा ने सरकार बनाने से इंकार कर दिया था.
इसके बाद 28 सदस्यों वाली आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस के आठ सदस्यों के समर्थन से सरकार का गठन किया था. केजरीवाल के नेतृत्व वाली आप सरकार ने 14 फरवरी को उस समय इस्तीफा दे दिया जब भाजपा और कांग्रेस के विरोध के कारण जन लोकपाल विधेयक पारित नहीं हो सका. उसके बाद 17 फरवरी को दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया जो अभी जारी है. उस समय केजरीवाल ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देते हुए विधानसभा भंग करने की सिफारिश की थी लेकिन जंग ने ऐसा नहीं करते हुए विधानसभा को निलंबित रखा.
* राजनाथ सिंह से एलजी ने की मुलाकात