क्या खस्ताहाल भारतीय रेलवे के लिए सपनों के सौदागर साबित होंगे प्रभु?

नयी दिल्लीः अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में कई विभागों में अपनी दक्षता साबित करने वाले सुरेश प्रभाकर प्रभु की योग्यता का अनुमान लागा पाना मुश्किल नहीं है. उन्होंने वाजपेयी की सरकार में उद्योग मंत्री, पर्यावरण व वन मंत्री, उर्वरक व रसायन मंत्री, बिजली, भारी उद्योग व लोक उद्यम जैसे महत्वपूर्ण विभाग संभालकर अपनी योग्यता […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 11, 2014 1:26 PM
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नयी दिल्लीः अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में कई विभागों में अपनी दक्षता साबित करने वाले सुरेश प्रभाकर प्रभु की योग्यता का अनुमान लागा पाना मुश्किल नहीं है. उन्होंने वाजपेयी की सरकार में उद्योग मंत्री, पर्यावरण व वन मंत्री, उर्वरक व रसायन मंत्री, बिजली, भारी उद्योग व लोक उद्यम जैसे महत्वपूर्ण विभाग संभालकर अपनी योग्यता के छाप हर विभाग में छोड़े हैं. अब उनपर लचर माने जा रहे रेल मंत्रालय की जिम्मेवारी है.

विशेषज्ञों का स्पष्ट तौर पर मानना है कि रेलवे का ढांचा मजबूत हो जाए तो देश तेजी से आर्थिक तरक्की करेगा. प्रभु को इस चुनौती और मोदी की उनसे जुड़ी उम्मीदों का अहसास है. उन्होंने रेलवे में बदलाव के लिए न्यूनत तीन साल का टाइम फ्रेम तय किया है. अब यह देखना होगा कि भारत के ऊर्जा क्षेत्र में सुधारों की शुरूआत करने वाले सुरेश प्रभु क्या रेलवे में भी सुधारों की शुरूआत कर सकेंगे.

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