नयी दिल्ली : देश की राजधानी दिल्ली में विधानसभा चुनाव के तारीखों का एलान जल्द होने वाला है. चुनाव के मद्देनजर पार्टियों ने कमर कस ली है. मूलत: तीन पार्टियों भाजपा कांग्रेस और आम आदमी पार्टी चुनाव के बीच टक्कर होनी है. पार्टियां एक दूसरे को आड़े हाथ लेने का कोई मौका नहीं छोड़ रही है.
भूमि अधिग्रहण अधिनियम में संशोधन लाने पर केंद्र सरकार की आलोचना करते हुए आप के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने रविवार को कहा कि दिल्ली में उनकी सरकार बनी तो नरेंद्र मोदी सरकार को जबरन गरीबों की जमीन नहीं हडपने देंगे. दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री ने दावा किया कि 2013 के कानून में अध्यादेश के जरिये संशोधन लाये गये हैं. ये इसलिए किये गये हैं कि सरकार उन जमीनों को हडप सके, जिन पर राष्ट्रीय राजधानी में अनधिकृत कॉलोनियां बनी हैं.
उन्होंने आरोप लगाया कि संशोधनों से दिल्ली के किसानों और गरीब जनता पर प्रतिकूल असर पडेगा. छतरपुर में अपने दिल्ली के ग्राम संवाद के दूसरे चरण में उन्होंने कहा कि ये संशोधन लोकसभा चुनाव प्रचार में भाजपा को आर्थिक मदद देने वाले कुछ चुनिंदा लोगों और कंपनियों को फायदा पहुंचाने के लिए भाजपा पर बन रहे दबाव का नतीजा हैं.
उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा ने चुनावों में 20,000 करोड रपये से ज्यादा खर्च किये थे. अब चुनाव में आर्थिक मदद करने वाले लोगों ने सरकार पर संशोधन के लिए दबाव बनाना शुरु कर दिया है. कुछ लोगों और कंपनियों को फायदा पहुंचाने के लिए भूमि अधिग्रहण कानून में संशोधन किया गया.’’ उन्होंने कहा कि हम लाल डोरा की समीक्षा करेंगे और गांवों में रहने वाले लोगों की सहमति से इसमें बदलाव करेंगे.
केजरीवाल ने आरोप लगाया कि भाजपा अनिल अंबानी से जुडी है इसलिए बिजली की दरें कम नहीं कर सकती. इस बीच उन्होंने कहा कि आप सत्ता में आई तो दिल्ली के किसानों को अन्य राज्यों की तरह सब्सिडी दी जाएगी.
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