2017 के गुजरात विधानसभा चुनावों में, हार्दिक पटेल, अल्पेश ठाकोर और जिग्नेश मेवाणी ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को मुश्किल में डाल दिया था. हार्दिक पटेल की बात करें तो उन्होंने पाटीदार आंदोलन का नेतृत्व किया था. वहीं अल्पेश ठाकोर ने अन्य पिछड़े वर्गों (ओबीसी) को एकजुट करने का काम किया था. जिग्नेश मेवाणी की बात करें तो वे दलित समुदाय के नेता हैं. वर्तमान समय के परिदृष्य पर नजर डालें तो पिछले चुनाव में कांग्रेस के साथ दिखे हार्दिक पटेल और अल्पेश ठाकोर भाजपा के टिकट से चुनाव लड़ रहे हैं. वहीं पिछली बार निर्दलीय चुनाव लड़ने वाले मेवाणी कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ते नजर आएंगे.
हार्दिक पटेल
-गुजरात के वीरमगाम निर्वाचन क्षेत्र से भाजपा ने हार्दिक पटेल को उम्मीदवार बनाया है. कुछ महीने पहले कांग्रेस का दामन छोड़ भाजपा में शामिल होने वाले पटेल ने कहा है कि भाजपा द्वारा मुझे दी गयी जिम्मेदारी को मैं निभा रहा हूं. मैं कंधे से कंधा मिलाकर काम कर रहा हूं. मेरी कोशिश सभी को साथ लेकर वीरमगाम से जीतने की है. मुझे विश्वास है कि वीरमगाम के लोग भाजपा को यहां से जीत दिलाएंगे.
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जिग्नेश मेवाणी
– वडगाम विधानसभा सीट की बात करें तो यहां से गुजरात के फायरब्रांड दलित नेता जिग्नेश मेवाणी (Jignesh Mevani) एक बार फिर से ताल ठोंक रहे हैं. आपको बता दें कि जिग्नेश मेवाणी पिछली बार कांग्रेस के समर्थन से निर्दलीय जीते थे. हालांकि, वडगाम से इस बार जिग्नेश मेवाणी के लिए जीत दर्ज करना आसान नहीं दिख रहा है.
अल्पेश ठाकोर
-भाजपा ने अल्पेश ठाकोर को गांधीनगर दक्षिण से चुनावी मैदान में उतारा है. उन्होंने गांधीनगर दक्षिण से नामांकन दाखिल कर दिया है. ठाकोर से साथ गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल नामांकन के दौरान नजर आये थे. नामांकन के पहले ठाकोर ने गुजरात विधानसभा चुनाव में भाजपा को 150 से अधिक सीटों पर जीत का दावा किया है.