2:10 AM-भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने भूमि अधिग्रहण विधेयक पर किसानों के सुझाव के लिए आठ सदस्यीय समिति का गठन किया.
2: 02 AM-सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव ने कहा कि समूचा विपक्ष भूमि अधिग्रहण विधेयक के खिलाफ. यह किसान विरोधी सरकार है. भूमि विधेयक के भविष्य में गंभीर परिणाम होंगे.
12: 50 PM-भूमि अधिग्रहण संशोधन विधेयक लोकसभा मेंपेश किये जाने के विरोध में विपक्ष ने वाकआउट किया.
12 :38 PM-प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि मोदी भूमि अधिग्रहण विधेयक में संशोधन कांग्रेस शासित राज्यों के सुझाव पर आधारित हैं, सरकार इस पर बचाव की मुद्रा में नहीं आयेगी. उन्होंने भाजपा सांसदों से कहा कि वे भूमि अधिग्रहण विधेयक को लेकर विपक्ष द्वारा बनाये गए ‘मिथक’ की हवा निकालें. read more
12: 29 PM- वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज राज्यसभा में संकेत दिया कि सरकार विवादित भूमि अधिग्रहण अध्यादेश पर सभी दलों के नेताओं के साथ बातचीत कर सकती है. भाजपा नेता राजीव प्रताप रुडी ने कहा कि भूमि अधिग्रहण विधेयक को और प्रभावकारी बनाने के लिए भाजपा और राजग के नेता आज इस पर चर्चा करेंगे. read more
12 : 19 PM-लोकसभा में भूमि अधिग्रहण बिल पेश कर दिया गया है.
11: 52 AM-कांग्रेस नेता कमलनाथ ने कहा कि यदि इस बिल को सरकार लाती है तो हमारी पार्टी इसका विरोध करेगी. यह बिल किसान विरोधी है. हम इस अध्यादेश का विरोध करेंगे.
11:29 AM -बसपा प्रमुख मायावती ने कहा कि हमारा देश कृषि प्रधान देश है. यदि सरकार किसानों के पक्ष में भूमि अधिग्रहण अध्यादेश लाती तो इतना हंगामा नहीं होता.हमारी पार्टी इसका विरोध करेगी क्योंकि यह जब पिछली बार सदन में लाया गया था तो राज्यसभा और लोकसभा में खुलकर चर्चा हुई थी लेकिन सरकार ने इसमें बहुत से बदलाव कर दिये हैं जो किसानों के पक्ष में नहीं है.
11: 25 AM-जदयू सांसद शरद यादव ने कहा देश में सबसे बड़ा उद्योग कृषि है. सरकार ने काननू ऐसा बदला कि अंग्रेजों का कानून पीछे छूट गया है. ये लोग देश को कुचलना चाहते हैं. सरकार बहुमत के बल पर बुलडोजर चलाना चाहती है.जेटली ने उन्हें जवाब देते हुए कहा कि आपलोग चाहते हैं कि देश में सिंचाई की नीति न बने.
11:18 AM-भूमि अधिग्रहण बिल पर राज्यसभा में नेता पक्ष अरुण जेटली ने कहा नेहरू के समय 70 अध्यादेश पास किये गये थे. मोर्चा सरकार के समय 77 अध्यादेश पास किये गये. कांग्रेस ने कहा बंटवारे के बाद नेहरु ने सरकार चलाई थी वे 17 साल देश के पीएम रहे.निजी कंपनियों के लिए भूमि अधिग्रहण अध्यादेश लाया जा रहा है. हर 27 दिन में मोदी सरकार अध्यादेश लाती है.
11:01 AM-भाजपा संसदीय दल की बैठक समाप्त हो गई है. भूमि अधिग्रहण बिल पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि इस मुद्दे पर सरकार को बैकफुट में आने की जरुरत नहीं है. पीएम ने अध्यदेश को बेहतरीन बताया. उन्होंने कहा कि चर्चा के दौरान सलाह का स्वागत किया जायेगा.वहीं यह बिल शाम 6 बजे सदन में पेश किये जाने का फैसला बैठक में लिया गया है.
10: 32 AM-टीएमसी सांसद सदन के बाहर भूमि अधिग्रहण बिल का विरोध कर रहे हैं. सांसद हरा वस्त्र धारण करके इस बिल का विरोध कर रहे हैं.टीएमसी नेता कल्याण बनर्जी ने कहा कि सरकार को गरीबों का ख्याल रखना चाहिए. हम आज हरा वस्त्र इसलिए धारण किये हुए हैं क्योंकि हम चाहते हैं कि हमारा देश हरा भरा रहे और कृषि को प्रोत्साहन दिया जाये.
10 : 14 AM – भाजपा संसदीय दल की बैठक जारी है जिसमें पार्टी के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी, वैंकया नायडू सहित कई नेता और सांसद मौजूद हैं.
9 : 42 AM -प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संसद भवन पहुंच चुके हैंयहां वे संसदीय दल की बैठक में भाग लेंगे. भूमि अधिग्रहण अध्यादेश आज लोकसभा में पेश किया जायेगा लेकिन मोहन भागवत के मदर टरेसा पर दिये गये विवादित बयान के बाद सदन में हंगामे के आसार हैं.
भूमि अधिग्रहण अध्यादेश के स्थान पर मंगलवार को लोकसभा में भूमि विधेयक पेश किया जायेगा. ग्रामीण विकास मंत्री चौधरी बीरेंद्र सिंह मंगलवार को लोकसभा में ‘उचित मुआवजे का अधिकार व भूमि अधिग्रहण , पुनर्वास तथा पुन:बसाहट (संशोधन) विधेयक 2015 ’ पेश करेंगे. यह विधेयक पिछले वर्ष दिसंबर में सरकार द्वारा जारी किये गये अध्यादेश का स्थान लेगा. अध्यादेश के जरिये संप्रग सरकार द्वारा 2013 में पारित विधेयक में बदलाव हुए थे.
क्यों है विवाद : जमीन अधिग्रहण से जुड़ा अध्यादेश 29 दिसंबर 2014 को जारी किया गया था, जिसमें इंफ्रास्ट्रक्चर और सोशल इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़े पीपीपी प्रोजेक्ट्स में 70 फीसदी जमीन मालिकों की लिखित सहमति वाले प्रावधान को खत्म कर दिया
गया था. अध्यादेश की जगह लाये जाने वाले नये भूमि विधेयक के मसौदे में भूमि अधिग्रहण, पुनर्वास एवं पुनस्र्थापन कानून, 2013 में किये गये सभी बदलाव शामिल किये गये हैं.
किसान प्रतिनिधिमंडल से मिले राजनाथ
भूमि अधिग्रहण अध्यादेश को लेकर राजनाथ सिंह ने किसान नेताओं के तीन सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल से बात की. उन्होंने आश्वासन दिया है कि उनकी समस्याओं और आपत्तियों को प्रधानमंत्री के समक्ष रखा जायेगा. इस मामले में बेहतर हल निकाला जायेगा. एकता परिषद के समन्वयक रमेश शर्मा सहित इसके सदस्यों ने राजनाथ सिंह के आवास पर उनसे करीब आधे घंटे तक मुलाकात की.
क्या है सरकार का पक्ष
केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावडेकर ने कहा : अध्यादेश को लाकर हमने किसानों को लाभ पहुंचाया है. पिछले कानून से आधे से अधिक किसानों को लाभ नहीं मिलनेवाला था. किसानों को अधिक मुआवजा मिलेगा और उनका पुनर्वास व पुनस्र्थापन बेहतर तरीके से होगा. सरकार ने उन 13 कानूनों को इस अधिनियम में शामिल किया है, जो पिछले कानून के दायरे में नहीं थे, ताकि इन कानूनों के तहत परियोजनाओं के लिए अधिग्रहण की गयी जमीन के लिए मुआवजा सुनिश्चित किया जा सके. इन बदलावों के जरिये पुनर्वास एवं पुनस्र्थापन और मुआवजा अधिनियम के प्रावधान बिजली अधिनियम, मेट्रो रेल अधिनियम, परमाणु ऊर्जा अधिनियम, भारतीय ट्रामवे अधिनियम, रेलवे अधिनियम, प्राचीन स्मारक एवं पुरातात्विक स्थल व अवशेष अधिनियम, पेट्रोलियम व खनिज पाइपलाइन अधिनियम और दामोदर घाटी निगम अधिनियम पर लागू होंगे.
कांग्रेस ने राज्यसभा में नोटिस दिया
भूमि अधिग्रहण अध्यादेश को लेकर संसद में सरकार के खिलाफ पहला निशाना साधते हुए कांग्रेस ने राज्यसभा में मंगलवार को प्रश्नकाल को निलंबित कर इस मुद्दे पर चर्चा कराने के लिए नोटिस दिया है. राज्यसभा में कांग्रेस के उप नेता आनंद शर्मा ने नियम 267 के तहत नोटिस दिया है. शर्मा ने कहा : पार्टी इस मामले में चुप नहीं रह सकती और वह इसका विरोध करने को बाध्य है. कांग्रेस ब्रीफिंग के दौरान पार्टी प्रवक्ता अभिषेक सिंघवी ने कहा कि कांग्रेस भूमि अधिग्रहण अध्यादेश का स्पष्ट रूप से विरोध करेगी. इस अध्यादेश से किसानों और आजीविका खोनेवालों के हित पूरी तरह समाप्त हो जायेंगे. इस अध्यादेश से जबरन अधिग्रहण का रास्ता दोबारा खुल जायेगा.
.. इधर, झारखंड में आर्थिक नाकेबंदी करेगा झामुमो
रांची. पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा है कि झामुमो भूमि अधिग्रहण अध्यादेश के खिलाफ राज्य भर में आर्थिक नाकेबंदी करेगा. औद्योगिक घरानों को कौड़ी के भाव में किसानों की जमीन देने का विरोध होगा.
राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ भी नहीं है तैयार!
राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ ने 20 फरवरी को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के साथ हुई बैठक में कहा कि हाल में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान दिल्ली के बाहरी इलाके में पार्टी के खराब प्रदर्शन की एक अहम वजह यह बिल भी है. सूत्रों के मुताबिक संघ के नेता भी चाहते हैं कि भूमि अधिग्रहण अध्यादेश के प्रावधानों में संशोधन किया जाये.
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