प्रशांत भूषण और यादव का नाम लिए बगैर उन बयानों एवं पत्रों का हवाला दिया जिनके सामने आने के बाद से पार्टी के भीतर मतभेदों से जुडा विवाद खडा हुआ है.आपसी संवाद वाले पत्रों के मीडिया में आने पर नाखुशी जाहिर करते हुए संजय सिंह ने कहा कि मुद्दों को मीडिया के जरिए सार्वजनिक करने की बजाय इन पर पार्टी के मंच पर चर्चा हो सकती थी.
उन्होंने कहा कि पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक आगामी बुधवार को होगी और इसमें मतभेदों से जुडे ताजा विवाद सहित सभी मुद्दों पर फैसला किया जाएगा.संजय सिंह ने बार बार पूछे गए इस सवाल का जवाब नहीं दिया कि क्या यादव और प्रशांत भूषण को पार्टी की सर्वोच्च इकाई राजनीतिक मामलों की समिति (पीएसी) से हटाया जाएगा.
कार्रवाई किए जाने से जुडे सवालों पर सिंह ने कहा, मैंने सिर्फ बैठक की तिथि के बारे में एलान किया है. क्या मैंने उन फैसलों का एलान किया जो वहां लिए जाएंगे. उन्होंने कहा कि पिछले सप्ताह जब राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक हुई थी तब केजरीवाल ने इस्तीफे की पेशकश की तो सदस्यों ने इसका विरोध किया और इस बात पर जोर दिया कि दिल्ली के मुख्यमंत्री को आप का राष्ट्रीय संयोजक बने रहना चाहिए.
सिंह ने कहा, पिछले सप्ताह की बैठक में फैसला किया गया कि केजरीवाल राष्ट्रीय संयोजक बने रहेंगे और इस पद से उन्हें हटाने का कोई सवाल नहीं है. अब अगर यह मामला होगा तो पार्टी कैसे काम करेगी?उन्होंने कहा, क्या पार्टी के स्वयंसेवी इसे पसंद करते हैं. जो लोग केजरीवाल को संयोजक पद से हटाना चाहते हैं उन्हें पार्टी कार्यकताओं की भावनाओं पर भी विचार करना चाहिए.
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