नयी दिल्ली : अलगाववादी नेता मसरत आलम की रिहाई पर बढ़ता विवाद कम होने का नाम नहीं ले रहा. इस मामले ने अब नयास्वरूपले लिया है. एनडीटीवी ने खुलासा किया है कि मसरत की रिहाई का फैसला पीडीपी और भाजपा की सरकार बनने से पहले लियागया था. जम्मू कश्मीर में जिस वक्त राज्यपाल शासन था उसी वक्त यह फैसला लिया गया. इस मामले में अब एक चिट्ठी सामने आयी है जिसमें यह खुलासा किया गयाहै कि राज्य के गृह सचिव ने रिहाई के लिए चिट्ठी लिखी थी.
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