सेवा कार्य करते समय, हिन्दू है की नहीं ये नहीं देखतेः भागवत

नयी दिल्ली: दो हजार वर्षो के विफल प्रयोग से दुनिया के निराश होने का जिक्र करते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने आज कहा कि भारत को समाज सेवा से शांतिपूर्ण समाज का सृजन करते हुए दुनिया के समक्ष ऐसा उदाहरण पेश करना है जो सबको संबल प्रदान करते हुए सभी को […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 5, 2015 7:34 PM
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नयी दिल्ली: दो हजार वर्षो के विफल प्रयोग से दुनिया के निराश होने का जिक्र करते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने आज कहा कि भारत को समाज सेवा से शांतिपूर्ण समाज का सृजन करते हुए दुनिया के समक्ष ऐसा उदाहरण पेश करना है जो सबको संबल प्रदान करते हुए सभी को साथ लेकर चलने, सबकी खुशी और समृद्धि लिए हो. सरसंघचालक ने कहा कि ऐसे भारत के सृजन के लिए संघ से जुडे समाज सेवी संगठनों का अगले पांच साल में और अधिक विस्तार और व्यवस्थित होना आवश्यक है.

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