आपको बता दें कि महात्मा गांधी की हत्या का आरोप कथित रूप से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर लगाने के संबंध में राहुल के विरुद्ध मानहानि का मामला दाखिल किया गया है.
गुरूवार को जस्टिस दीपक मिश्र व जस्टिस पीसी पंत की पीठ ने शिकायत दर्ज करानेवाले संघ कार्यकर्ता और केंद्र को भी नोटिस जारी कर चार सप्ताह में उत्तर मांगा और मामले की सुनवाई आठ जुलाई तक स्थगित कर दी. राहुल ने भी आपराधिक मानहानि संबंधी पैनल के प्रावधानों की वैधता को चुनौती देने संबंधी याचिका दायर की है. पीठ ने राहुल की इस याचिका को उनके प्रतिद्वंद्वी दलों के नेताओं भाजपा के सुब्रमण्यम स्वामी और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की याचिकाओं के साथ जोड़ दिया.
सभी ने मानहानि संबंधी आइपीसी की धारा 499 और धारा 500 की संवैधानिक वैधता को चुनौती दी है. पीठ ने स्पष्ट किया कि वह इनके खिलाफ दर्ज मानहानि मामले के गुण-दोष नहीं देखेगा, केवल पैनल के प्रावधानों की वैधता पर विचार करेगा. राहुल गांधी के वकील ने निचली अदालत की कार्यवाही पर रोक लगाने की मांग करते हुए स्वामी और केजरीवाल की याचिकाओं के संबंध में सुप्रीम कोर्ट के पूर्व के आदेश का उल्लेख किया.
संघ कार्यकर्ता के वकील ने याचिका का विरोध करते हुए कहा कि राहुल के वकील रिट याचिका की प्रति नहीं सौंप रहे हैं साथ ही कांग्रेस नेता ने 10 मार्च को सुनाये गये बंबई हाइकोर्ट के आदेश के खिलाफ याचिका दायर की है, जिसमें कोर्ट ने मानहानि के मामले को खारिज करने से इनकार कर दिया था. मामले को 11 मई को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया है.