अरुणा शानबाग की इच्छामृत्यु का केस मेरे जीवन के कठिनतम केसों में से एक था : काटजू

अरुणा शानबाग की मृत्यु पर देश भर से प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं और मीडिया में भी अरुणा का मामला छाया रहा है. इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट के पूर्व सेवा निवृत्त न्यायाधीश जस्टिस मार्कंडेय काटजू ने अरुणा शानबाग को लेकर अपनी यादें साझा की हैं. काटजू ने ट्विटर पर भी अरुणा को श्रद्धांजलि दी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 18, 2015 8:04 PM
an image

अरुणा शानबाग की मृत्यु पर देश भर से प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं और मीडिया में भी अरुणा का मामला छाया रहा है. इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट के पूर्व सेवा निवृत्त न्यायाधीश जस्टिस मार्कंडेय काटजू ने अरुणा शानबाग को लेकर अपनी यादें साझा की हैं. काटजू ने ट्विटर पर भी अरुणा को श्रद्धांजलि दी है और अपने ब्लॉग में अरुणा शानबाग की इच्छामृत्यु से जुड़े मामले का न्यायालय में संपादन करने का किस्सा बताया है. गौरतलब है कि पूर्व में अरुणा शानबाग की हालत को लेकर कोर्ट में इच्छामृत्यु का मामला दायर किया गया था, जिसका फैसला करने वाले न्यायाधीशों में जस्टिस काटजू प्रमुख थे.

अपने ब्लॉग में जस्टिस काटजू ने अरुणा शानबाग को लेकर कुछ ऐसा लिखा है. –

मुझसे अक्सर यह सवाल पूछा जाता है कि सुप्रीम कोर्ट में आपके जिंदगी का सबसे कठिन केस क्या था. मैं हमेशा इस सवाल का जबाब देता हूं ‘हिंसा विरोधक संघ बनाम मिर्जापुर मोती कोरेश जमात’.

संबंधित खबर
संबंधित खबर और खबरें
होम E-Paper News Snaps News reels
Exit mobile version