जोधपुर : पुलिस ने आसाराम पर यहां अपने आश्रम के भीतर यौन हमले का आरोप लगाने वाली लड़की का मैट्रिक का प्रमाणपत्र आज बतौर सबूत अदालत में यह साबित करने के लिए पेश किया कि अपराध के समय लड़की नाबालिग थी.
पुलिस अधिकारी और अभियोजन पक्ष के गवाह नितिन दवे ने जिला एवं सत्र न्यायाधीश मनोज कुमार व्यास की अदालत में प्रमाणपत्र पेश किया जिसे बतौर सबूत रिकार्ड में दर्ज किया गया. लड़की के वकील पी सी सोलंकी ने यह जानकारी दी.
सोलंकी ने कहा, यह साबित करने के लिए कि लड़की अपराध के समय नाबालिग थी, यह हमारे लिए एक महत्वपूर्ण सबूत है और यह इस मामले में आसाराम पर पोस्को कानून लागू करने को सही ठहराता है. उन्होंने यह भी कहा कि आसाराम और उनके बेटे नारायण साई से जुडे मामलों में गवाहों पर हमलों से उनकी संभावनाएं क्षीण होंगी.
लड़की द्वारा दर्ज करायी गयी शिकायत के मामले में सितंबर 2013 में गिरफ्तारी के बाद से आसाराम यहां जोधपुर जेल में बंद है. बचाव पक्ष का कहना है कि लड़की नाबालिग नहीं है. इसबीच , आसाराम के समर्थकों ने उन्हें सुनवाई के लिए अदालत ले जाते समय एक बार फिर अदालत परिसर के बाहर हंगामा किया. पुलिस को उन्हें खदेडने के लिए बल प्रयोग करना पडा.
पुलिस अधिकारी हरजी राम ने बताया, हमने दो लोगों को गिरफ्तार किया है. उनमें से एक खुद को एक स्थानीय टीवी चैनल का रिपोर्टर बता रहा था. गिरफ्तार किए गए लोगों की पहचान उत्तर प्रदेश के उन्नाव के प्रमोद कुमार और महाराष्ट्र के औरंगाबाद के बाबूलाल के रुप में हुई है.
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